काशी में मुफ्तखोरी की राजनीति का विरोध, बोले हमें कामचोर बनाया जा रहा, जा रहे श्रीलंका के राह पर...

Opposition to the politics of freebies in Kashi said we are being made doodlesकाशी में मुफ्तखोरी की राजनीति का विरोध, बोले हमें कामचोर बनाया जा रहा, जा रहे श्रीलंका के राह पर...

काशी में मुफ्तखोरी की राजनीति का विरोध, बोले हमें कामचोर बनाया जा रहा, जा रहे श्रीलंका के राह पर...

वाराणसी, भदैनी मिरर। सरकार द्वारा दिए जा रहे मुफ्त राशन के विरोध में सोमवार को सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के सदस्यों ने मैदागिन चौराहे पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल ने कहा कि सत्ता हथियाने के लिए राजनीतिक दल जिस तरह से लोक-लुभावन योजनाओं की घोषणा करते हैं, उसके कारण न सिर्फ आम आदमी का नुकसान होता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी चौपट हो जाती है। आज श्रीलंका इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वहां की दयनीय स्थिति पर ऐसे ही लोक-लुभावन योजनाएं जिम्मेदार हैं।


उपाध्यक्ष अनिल केसरी ने कहा कि भारत के कुछ राज्य भी श्रीलंका के राह पर चल रहे हैं। वक्त रहते उन्हें न रोका गया, तो फिर भारत के कुछ राज्य भी श्रीलंका की तरह आर्थिक तंगी के शिकार हो जाएंगे। सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि तमिलनाडु, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल,और राजस्थान पर ज्यादा कर्ज है।

विरोध के दौरान लोगों ने कहा कि हमें नई रणनीति बनानी चाहिए। अगर इस संकट को रोका नहीं गया तो, एक दिन केंद्र पर भारी बोझ आएगा, जिसका नुकसान पूरे भारत को होगा। कुछ राज्यों में सब कुछ मुफ्त की रेवड़ियों के तहत बांटने की होड़ मची है। उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली जैसे अन्य कई राज्यों में जिस प्रकार से बिजली फ्री, पिछला बिल माफ, महिलाओं को हर महीने पेंशन और नाना प्रकार के प्रलोभन देने वाली घोषणा से राजस्व की हानि हो रही है। इसका पता बाद में चलेगा।

सरकार से अपील करते हुए मांग की गई कि सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाला मुफ्त राशन का निर्णय स्वागत योग्य है। मगर यह जांच का विषय भी है, कि मुफ्त में बांटा गया राशन सही हाथ में पहुंच रहा है या वह भी बाजार की खरीद-फरोख्त में शामिल है। फ्री बिजली देने के बजाय रेट कम कर दिया जाए। इस विरोध प्रदर्शन में नंदकुमार टोपी वाले, प्रदीप गुप्त, चंद्र शेखर चौधरी, सुमित सर्राफ, पारसनाथ केसरी, भईया लाल यादव, डॉ. मनोज यादव, पप्पू रस्तोगी, राजेश श्रीवास्तव, बीडीगुजराती, ललित गुजराती, चंद्रशेखर प्रसाद, राजेंद्र अग्रहरि, प्रदीप जायसवाल, राजेंद्र कुशवाहा, विजय वर्मा सहित कई लोग शामिल थे।