सुरक्षित हुआ बचपन: शवदाह की लकड़ी ढो रहे नाबालिग बच्चों का पुलिस ने किया रेस्क्यू, सोशल मीडिया पर तस्वीर हुई थी वायरल...

सोशल मीडिया पर मजदूरी कर रहे नाबालिग बच्चों की तस्वीर वायरल होने के बाद सीडब्ल्यूसी, चाइल्ड लाइन और वाराणसी कमिश्नरेट के अस्सी पुलिस चौकी के संयुक्त प्रयास से मुक्त कराकर बचपन सुरक्षित कराया।

सुरक्षित हुआ बचपन: शवदाह की लकड़ी ढो रहे नाबालिग बच्चों का पुलिस ने किया रेस्क्यू, सोशल मीडिया पर तस्वीर हुई थी वायरल...

वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस के हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए बेचे जाने वाले लकड़ी की टाल में काम कर रहे पांच नाबालिग मजदूरों को बाल कल्याण अधिकारी शबाना खान और चौकी प्रभारी अस्सी दीपक कुमार रानावत ने रेस्क्यू करके निकाला। पुलिस जब रेस्क्यू करने पहुंची तो दुकानदार ने हल्का विरोध किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कानून का पाठ पढ़ाया तो सब बैकफुट पर आए।


हुआ यह कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर पांच बच्चों की तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें नाबालिग बच्चे शव जलाने और लकड़ी उठाने का कार्य कर रहे थे। खोते बचपन की इस तस्वीर को देखकर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि वह बच्चों को रेस्क्यू करवाये।


रविवार को सीडब्ल्यूसी, चाइल्ड हेल्पलाइन और अस्सी चौकी की पुलिस ने रेस्क्यू करके निकाला और सीडब्ल्यूसी की अभिरक्षा में दिया, जहा नाबालिग बच्चों के पुनर्वास और उत्थान की व्यवस्था की जा रही है। रेस्क्यू किए गए बच्चों में चार 12 तो एक 15 वर्षीय है। सभी पश्चिम बंगाल के रहने वाले है।


रेस्क्यू में यह रहे शामिल

चौकी इंचार्ज अस्सी दीपक कुमार, दरोगा स्वतंत्र यादव, कांस्टेबल रविशंकर राम, कांस्टेबल मनोज कुमार साहू, कांस्टेबल हर्षित सोनी, महिला कांस्टेबल जोया, बाल कल्याण समिति से मनोज मिश्रा, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी शबाना खान, चाइल्ड लाइन से रामप्रताप और आजाद गौतम, काउंसलर निर्मला शामिल थी।