ऑपरेशन दस्तक: बीट व्यवस्था के तहत हर गली-मुहल्ले में होगी पुलिस की नजर, अपराधी सत्यापन पर जोर...
वाराणसी/भदैनी मिरर। वाराणसी कमिश्नरेट बीट व्यवस्था चुस्त और दुरुस्त करने में जोरों शोरों से लगी हुई है। बीट पुलिसिंग की नई व्यवस्था को लेकर डीसीपी काशी ज़ोन के आदेश पर सभी एसीपी अपने अपने बीट की बैठक कर योजनाएं बना रहे हैं। इसी के साथ ही डीजेएम ने उच्चाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट भी सौप दी है। इस व्यवस्था से न केवल स्थानीय स्तर पर पकड़ बनेगी बल्कि हर छोटी बड़ी सूचनाएं भी तत्काल पुलिस को मिलती रहेगी। जिससे किसी भी घटना या विवाद का समय रहते समाधान हो सकेगा। पुलिस का ध्यान अपराधी सत्यापन पर है, इसके साथ ही रात्रि चेकिंग की गुणवत्ता को लेकर एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार ने कोतवाली के सिपाहियों का सैनिक सम्मेलन करने के साथ ही जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
बता दें कि बीट पुलिसिंग पहले से होती रही है। लेकिन कमिश्नरेट द्वारा इसे नवीनीकृत किया जा रहा है। डीसीपी काशी जोन अमित कुमार का कहना है कि बेहतर पुलिसिंग, इंटेलिजेंस व्यवस्था मजबूत करने और सिपाहियों को उनकी जिम्मेदारी बताने के उद्देश्य से यह व्यवस्था बनाई जा रही है। इसका असर अगले छः माह में ही दिखने लगेगा। इसके लिए तीनों एसीपी अपने अपने स्तर से कार्य कर रहे हैं।
इनपर होगी पूरे बीट की जिम्मेदारी
अब तक एक बीट की जिम्मेदारी 4 सिपाहियों पर होती थी। लेकिन अब एक बीट के एक मोहल्ले की जिम्मेदारी एक ही सिपाही पर होगी। अब बीट को मजरों, गलियों और मोहल्लों में बांटकर एक सिपाही को तय मजरे या मोहल्ले की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही सिपाही अपने अपने बीट के 10 से 15 सम्भ्रांत लोगों की सूची बनाकर उनके पते मोबाइल नम्बर की पूरी जानकारी अपने पास रखेंगे।
सत्यापन करना अनिवार्य
मोहल्लेवार किरायेदारों के सत्यापन की जिम्मेदारी भी मोहल्ले के प्रभारी सिपाहियों व बाइक दस्ता सिपाहियो की होगी। इसके लिए 150 बुकलेट बांटा जा चुका है। 25 बीट में लगभग 125 मोहल्ले हैं जिसमें मोहल्ला प्रभारियों व बाइक दस्ते को रोज 10 के सत्यापन का लक्ष्य दिया गया है।
बदमाशों का पूरा ब्यौरा होगा प्रभारी के पास
डीसीपी ने बताया कि अब तक बीट सिपाही केवल अपराधी व प्रतिवादी की जानकारी रखते थे। अब वादी का पूरा ब्यौरा इनके पास होगा और समय समय पर इनसे मुलाकात कर जानकारी भी लेंगे।