काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के वर्षगाठ पर निकलेगी 13 दिसम्बर को शोभायात्रा, प्रमुख संत रहेंगे रथ पर सवार...

काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के वर्षगाठ पर शिव बारात समिति द्वारा आयोजित लोक महोत्सव के नाम से निकलने वाली शोभायात्रा आने वाले कल के इतिहास की पटकथा है.

काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के वर्षगाठ पर निकलेगी 13 दिसम्बर को शोभायात्रा, प्रमुख संत रहेंगे रथ पर सवार...

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के वर्षगाठ पर शिव बारात समिति द्वारा आयोजित लोक महोत्सव के नाम से निकलने वाली शोभायात्रा आने वाले कल के इतिहास की पटकथा है. उक्त बातें संस्था के अध्यक्ष जगदम्बा तुलस्यान ने मारवाड़ी युवक संघ में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान कहीं. कहा की शव और शिव के बीच की कड़ी ही काशी या "बनारस" है यूँ तो भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है लेकिन एक बनारस ही है जहाँ भाषा अपने मूल अर्थ खोकर शिवत्व को प्राप्त हो जाती है. यहाँ का व्याकरण किसी शास्त्र का आधीन नहीं है अपितु यह शिव के गणो द्वारा नित नये -नये रूप लेकर सृजित होता रहता है.

बताया की  13 दिसम्बर वर्ष 2021 में श्री काशी विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) का उ‌द्घाटन हुआ था. शिव बारात समिति एवं यूपी संस्कृति विभाग की तरफ से बुधवार 13 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. यह शोभायात्रा मैदागिन से चलकर दोपहर 2.30 बजे तक चितरंजन पार्क तक जाएगी.

संस्थापक के संस्थापक दिलीप सिंह ने कहा की काशी विश्वनाथ धाम को बनाने वाले कल रहे या ना रहे लेकिन सैकड़ो साल बाद भी उनका नाम रहेगा. इस शोभायात्रा को आमजन का लोक उत्सव कहा जायेगा. बनारस के समस्त धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं से अपील करते हुए कहा की अपनी संस्था के बैनर के साथ 13 दिसम्बर को श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण दिवस पर निकलने वाली शोभायात्रा में शामिल हों. बताया की लोक उत्सव के रूप में निकलने वाली शोभायात्रा में बनारस के प्रमुख सन्त, महात्मा रथ पर शामिल होंगे. इंडिया ग्रुप रहेगा भगवान के स्वरुप चंद्रयान का माडल अयोध्या में हो रहे राम मंदिर के नव निर्माण की झांकी, नारी सशक्तिकरण बिल इत्यादि को झांकी के रूप में शामिल किया जायेगा. परम्परागत ढंग से बैंड, ढोल भगवान के स्वरुप भी शामिल किया जायेगा अनेक संस्थाओं के तरफ से जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत एवं पुष्प वर्षा किया जायेगा. पत्रकारवार्ता में संस्था के अध्यक्ष जगदम्बा तुलस्यान, संस्थापक दिलीप सिंह , प्रचार मंत्री सुरेश तुलस्यान , कोषाध्यक्ष महेश महेश्वरी, रघुदेव अग्रवाल शिव बारात समिति के सदस्य उपस्थित थे.