जेल सुरक्षा में चूक: कैदी अंशुल ने मारी मुकीम काला और मेराजुद्दीन को गोली, पुलिस कार्रवाई में अंशुल भी ढ़ेर, जाने कौन कहा से किया गया था शिफ्ट...
वाराणसी/चित्रकूट/भदैनी मिरर।चित्रकूट जेल की सुरक्षा में चूक उस वक्त उजागर हो गई जब जेल के अंदर असलहों से गोलियां तड़तडाने लगी। दो कैदी ग्रुपों में हुये खूनी संघर्ष में अंशुल दीक्षित ने मेराजुद्दीन और मुकीम काला की हत्या कर दी। वहीं पुलिस कार्रवाई में अंशुल दीक्षित भी मारा गया है। घटना के बाद डीजी जेल लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में है। जेल के भीतर हुए गैंगवार से जेल सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए है। आखिर हाई सेक्युरिटी जोन में असलहा जेल के भीतर गया कैसे? वही जेल अधीक्षक श्री प्रकाश त्रिपाठी ने यह माना है की जेल सुरक्षा में चूक हुई है।
जेल के अंदर फायरिंग से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार मृतक बंदी कुछ दिनों पूर्व बाहरी जेल से यहां शिफ्ट हुआ था। घटना के बाद आईजी के सत्यनारायण, डीएम सुभ्रान्त कुमार शुक्ला, एसपी अंकित मित्तल समेत भारी फोर्स मौके पर जा पहुंची। बता दें कि मुकीम काला पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण, फिरौती जैसे 61 मुकदमे विचाराधीन थे।
चित्रकूट प्रशासन ने बताया कि अंशु दीक्षित ने मुकीम काला और मेराज अली को मारने के बाद पांच कैदियों को बंधक बना लिया था। जेल प्रशासन ने अंशु से कैदियों को छोड़ने की अपील की, लेकिन अंशु माना नहीं। पुलिस और अंशु के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें वह मारा गया। फिलहाल जेल में चेकिंग अभियान चल रहा है।
कभी चिनाई मिस्त्री रहे मुकीम की गिनती हार्डकोर क्रिमिनल के रूप में होती थी। वहीं मुकीम काला को मारने वाले अंशुल दीक्षित को यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर जिले के गोरखनाथ थानाक्षेत्र से 2014 में गिरफ्तार किया था।
जेल विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक चित्रकूट जेल की घटना में मृत मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली 20 मार्च 2021 को जिला जेल बनारस से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित करके चित्रकूट जेल लाया गया था। जबकि दूसरा मृत बंदी मुकीम काला 7 मई 2021 को जिला जेल सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल लाया गया था। दोनों बंदियों को असलहे से मारने वाला तथा बाद में पुलिस द्वारा की गई सुरक्षात्मक कार्यवाही में मारा गया तीसरा बन्दी अंशुल दीक्षित प्रशासनिक आधार पर 8 दिसंबर 2019 को जिला जेल सुल्तानपुर से लाकर निरुद्ध किया गया था।