कम होती ठंड में न बरते लापरवाही हो सकता आपके बच्चे को कफ एंड कोल्ड, हाइड्रेशन और न्यूट्रिशन का रखें विशेष ख्याल...

कम होती ठंड में अक्सर लापरवाही कफ एंड कोल्ड का कारण बन जाती है. इसलिए उचित कपड़ा धारण कराएं रखें.

कम होती ठंड में न बरते लापरवाही हो सकता आपके बच्चे को कफ एंड कोल्ड, हाइड्रेशन और न्यूट्रिशन का रखें विशेष ख्याल...

वाराणसी, भदैनी मिरर। ठंड की कमी होते ही लापरवाही अक्सर बच्चों को इंफेक्टेड कर देती है. जिससे बच्चों को बार-बार खांसी-जुकाम या निमोनिया की शिकायत हो जाती है. यह याद रखें कि बच्चों का रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं रहता इसलिए इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सर्दी-खांसी या निमोनिया में बचाव और उपाय ही कारगर है. मिनहाज नर्सिंग चाइल्ड केयर, रविंद्रपुरी के डाक्टर मिनहाज हुसेन बच्चों को रोग से बचाने के उपाय बता रहे है -

सामान्य कफ एंड कोल्ड के लक्षण

डाक्टर मिनहाज कहते है कि पहला है ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण जिसे अंग्रेजी में (Upper Respiratory Tract Infection) कहते है। इसमें बच्चे को साधारण जुकाम, नाक जाम होना, खरखराहट होता है। यह सामान्य कफ एंड कोल्ड है। इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इसमें सामान्य तौर पर बच्चों के छाती या कपड़ों पर विक्स वेपोरब लगा सकते हैं , मगर इसे आदत न बनाएं। कहते है कि ऐसी स्थिति में बच्चों को गर्म कपड़े खूब पहनाकर रखें। तीन स्थान से ही बच्चों को ठंड लगती है - हथेली, पंजा और कान। बहुत से बच्चे टोपी नहीं पहनते, ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि भोर के 3 से 6 बजे जब वातारण काफी ठंडा होता है तब बच्चों को जरूर बचाएं।

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निमोनिया के लक्षण

डाक्टर मिनहाज कहते है दूसरा इन्फेक्शन है लोअर रेस्पिरेटरी का। Lower Respiratory Tract Infection में बच्चों को तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत और शरीर नीला होने लगे, बच्चे दूध पीना कम कर दें तो समझ लें कि वह इन्फेक्शन लंग्स और चेस्ट तक पहुंच गया है। तब आपको तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। 

यह बार-बार इसलिए होता है कि ठंड के मौसम में घर पूरी तरह से बंद रहता है, प्रॉपर वेंटिलेशन नहीं होता। यदि घर में कोई बड़ा व्यक्ति खांसी या छींक कर देता है तो उसके जीवाणु बच्चों को संक्रमित कर देते है।

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ठंड में पानी की मात्रा बढ़ाएं

डाक्टर मिनहाज हुसैन कहते है कि ठंड की वजह से कई अभिभावक बच्चों को पानी की मात्रा में कमी कर देते है। ऐसे में डिहाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है। पानी की कमी जैसे ही बच्चों के शरीर में होती है उनका इम्यून सिस्टम और भी कमजोर हो जाता है। ऐसे में बच्चों को गुनगुना पानी हर 2-4 घंटे पर खासकर बच्चों को बाहर ले जाते समय जरूर पिलाएं। बच्चों का इम्यूनिटी मेंटेन रहने पर इन्फेक्शन का खतरा कम रहता है।

डाइट का रखें ध्यान

अभिभावक ठंड लगने के डर से सर्दी में फ्रूट्स बच्चों को नहीं देते। ऐसा बिल्कुल नहीं है। बच्चों को नींबू पानी या फ्रूट्स अच्छी और हेल्दी डाइट देते रहें। हरी सब्जियां या सलाद, हाई प्रोटीन डाइट देने से बच्चों का न्यूट्रिशन अच्छा रहता है, तो बच्चों को एनर्जी मिलती रहती है, ऐसे में भी इन्फेक्शन के चांसेस काफी कम हो जाते हैं।

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