बच्चों को संक्रमित व्यक्तियों से रखें दूर, शरीर पर लाल दाने हो तो घबराएं नहीं, जाने क्या है उपाय...

दीपावली पर्व आते ही चारों ओर पटाखे फुलझड़ियों से अतिशबाजी शुरू हो जाती है। इ

वाराणसी, भदैनी मिरर। दीपावली पर्व आते ही चारों ओर पटाखे फुलझड़ियों से अतिशबाजी शुरू हो जाती है। इसका पूरा प्रभाव स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इससे खासकर बच्चों को बचाना बहुत ही जरूरी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मिनहाज हुसैन क्या कहते हैं....

डॉ मिनहाज हुसैन ने सभी को दीपवली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि दीपावली पर्व पर सभी जगह पटाखों की अतिशबाजी की जाती है जिसका असर पर्यावरण के साथ साथ बड़ों और बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इससे बचाव के लिए अच्छे ब्रांड के और इको फ्रेंडली पटाखें फुलझड़ियां जलाने चाहिए जिससे पर्यावरण भी दूषित न हो और शरीर भी स्वस्थ्य रखा जा सके। 


इसके साथ ही डॉ मिनहाज ने बताया कि इन दिनों तेजी से फैल रहे वायरल इंफेक्शन से बच्चों में बहुत से केस आ रहे हैं। बुखार के साथ उनके शरीर मे लाल दाने भी हो रहे हैं। इससे भी बचाव की आवश्यकता है। इसके लिए सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बच्चों में वायरल इंफेक्शन फैलता कैसे है।इसका सबसे बड़ा कारण एयर ड्राप लेस है। 

एयर ड्राप लेस का मतलब है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है, जम्हाई लेता है, छींकता है या यहां तक कि बात करता है, तो उनके मुंह से निकलने वाले तरल पदार्थ के छोटे कणों में बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। ऐसे में यदि बच्चे उस व्यक्ति के करीब खड़े हैं तो ये बैक्टीरिया नाक या मुंह के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और वह संक्रमित हो सकते हैं। 

इसलिए अगर घर मे छोटे बच्चे हैं तो संक्रमित लोगों से उन्हें दूर रखें साथ ही उन्हें सलाह दें कि वह हर समय मास्क लगाकर रखें। ताकि जब भी उन्हें छींक, जम्हाई या खांसी आये तो उसका वायरस हवा में न फैले जिससे अन्य लोग संक्रमित न हो।

डॉ मिनहाज ने बताया कि इन दिनों वायरल बुखार के साथ डेंगू भी तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव के लिए कही भी पानी इकठ्ठा न होने दें। यदि पानी कहीं इकट्ठा हो तो उसमें तुंरन्त मिट्टी का तेल डालकर उसे हटाये। साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए फूल बांह के कपड़े पहनाकर ही बच्चों को बाहर जाने दें।