ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर अखिलेश यादव और असुद्दीन ओवैसी पर FIR दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई 15 जुलाई तक सुनवाई टली, जाने क्या है मामला...
ज्ञानवापी प्रकरण में मंगलवार को धार्मिक भावनाएं आहत करने संबंधी याचिका पर होने वाली सुनवाई वादी के स्थगन आवेदन पर 15 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है। अदालत ने आवेदन में सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता आरपी शुक्ल के बीमार होने का उल्लेख किया गया था। आवेदन में 14 जुलाई तक सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया गया था।
वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी प्रकरण में मंगलवार को एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में धार्मिक भावनाएं आहत करने संबंधी याचिका पर होने वाली सुनवाई वादी के स्थगन आवेदन पर 15 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है। अदालत ने आवेदन में सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता आरपी शुक्ल के बीमार होने का उल्लेख किया गया था। आवेदन में 14 जुलाई तक सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया गया था। एसीजेएम पंचम के अवकाश पर रहने के कारण जून में याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।
बता दें कि अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने याचिका दायर कर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर लोगों की धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाते हुए दोनों नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों व अन्य पर ज्ञानवापी परिसर में गंदगी फैला कर भावना को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।
इसके साथ ही अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत अदालत में अर्जी दी है। वादी का आरोप है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंगनुमा आकृति मिली है। जहां आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है वहां नमाजी हाथ-पैर धोते है, थूकते हैं और गंदा पानी बहाया जाता है। इससे काशीवासियों के साथ ही सनातन धर्म को मानने वालों की भावना आहत हुई है। इतना ही नहीं आरोप ये भी है कि आरोपियों ने साजिशन आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फौवारा तक कहा इससे भी भावनाएं आहत हुई हैं। वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा था कि, "पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रखकर झंडा लगा दो, तो वही भगवान और शिवलिंग है।" उधर सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई ने हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के विरुद्ध लगातार आपत्तिजनक बयान देकर सनातन धर्मियों की धार्मिक भावना को आहत किया है।