Father's Day: छलक उठा पं. छन्नूलाल मिश्र का दर्द, बोले वह तो मेरी अन्नपूर्णा थी...!
वाराणसी, भदैनी मिरर। पिता-पुत्री का प्रेम किसी से छुपा नहीं है। पिता दिवस पर महान शास्त्रीय संगीतज्ञ पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का दर्द बर्बस ही छलक हुआ और वह बोल उठे संगीता तो मेरी अन्नपूर्णा थी। पंडित जी की आंखे डबडबा गई और बोले मै दुनिया का सबसे भाग्यशाली पिता हूं कि ऐसी देवी जैसी बिटिया ने मेरे घर में जन्म लिया। संगीता मेरी बेटी सबसे बड़ी और सबसे लाडली बिटिया थी। मेरी ही नहीं पूरे परिवार और सगे संबंधियों की प्यारी थी वो।
पंडित जी कहते है सीधी-साधी, सरल स्वभाव की बहुत ही मेहनती थी मेरी संगीता आज तक उसने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। जितनी अच्छी बेटी और बहन उतनी ही अच्छी माँ भी थी वह। उसके लिए उसके दोनों बच्चे और हम पति-पत्नी ही सब कुछ थे। मैं अपनी बिटिया को अन्नपूर्णा बुलाता था। उसके हाथों में साक्षात मां अन्नपूर्णा का वास था। उसके हाथों के बने भोजन का स्वाद घर-परिवार और रिश्तेदारों के अलावा शिष्य-शिष्यओं को भी खूब भाता था। आज उसके जाने के बाद कोई भी पल ऐसा नहीं होता जब उसकी याद में आंखें नम ना हुई हो। निवाला हाथ में उठाते ही अपने आप आंसू बहने लगते हैं। ऐसा महसूस होता है जैसे उसे अभी भी मेरी चिंता सता रही हो। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सब से प्रेम करने वाली बेटी इस तरह दुनिया छोड़ कर चली जाएगी।
बताते चले कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पहले उनकी पत्नी और बाद में बड़ी बेटी संगीता का निधन हो गया। संगीता का इलाज मैदागिन स्थित मेडविन अस्पताल में चल रहा था जहां परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया था। मामलें के तूल पकड़ने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच जारी है।