भूमि अधिग्रहण के खिलाफ रमईपुर में किसानों का आंदोलन जारी, बोले किसान-मर जायेंगे नहीं देंगे खेत की जमीन...
वाराणसी में "काशी द्वार" बनाने के लिए भू अधिग्रहण के तहत पिंडरा, पिंडराई, बेलवा, बसनी, मानापुर, कैथोली, रघुनाथपुर, समोगरा, रमईपुर आदि ग्रामों के किए जाने वाले अधिग्रहण के खिलाफ रमईपुर में किसानों का आंदोलन निरंतर चल रहा है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी में "काशी द्वार" बनाने के लिए भू अधिग्रहण के तहत पिंडरा, पिंडराई, बेलवा, बसनी, मानापुर, कैथोली, रघुनाथपुर, समोगरा, रमईपुर आदि ग्रामों के किए जाने वाले अधिग्रहण के खिलाफ रमईपुर में किसानों का आंदोलन निरंतर चल रहा है.
संयुक्त किसान मोर्चा के फतेह बहादुर सिंह का कहना है की पिछले एक दशक से "कृषि", किसान और ग्रामीण जन", सरकार की उपेक्षा का शिकार होते चले आ रहे हैं. नए "भू अधिग्रहण कानून" लागू होने से जहां एक तरफ किसानों के एकमात्र जीविकोपार्जन का जरिया कृषि जमीन" को सरकार जबरन उनसे छीन रही है वहीं दूसरी तरफ बढ़ते कृषि लागत मूल्य और किसानों के उत्पादन में घटती बिक्री दर ने "खेती किसानी" को बद से बदतर स्थिति में ला खड़ा कर दिया है.
कहा की हमारी यह जमीन ही हमारे संपूर्ण परिवार के जीविकोपार्जन, बच्चों के पढ़ाई लिखाई, बच्चे बच्चियों के शादी विवाह और अन्य सामाजिक मांगलिक कार्य संपन्न करने का एकमात्र साधन है. यदि हमारी जमीने हमसे छीन ली गई तो हम, हमारा परिवार अनाथ हो जाएगा, और भूखों मरने को बाध्य हो जाएगा. किसानों ने कहा की हम मर जायेंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे.