उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प, शटडाउन लेने पर जनप्रतिनिधियों को करें सूचित- ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को पू.वि.वि.नि.लि. वाराणसी की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री ने अवगत कराया कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है. इसके लिए रोस्टर प्रथा को समाप्त करते हुए पूरे प्रदेश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है.
वाराणसी। ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को पू.वि.वि.नि.लि. वाराणसी की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री ने अवगत कराया कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है. इसके लिए रोस्टर प्रथा को समाप्त करते हुए पूरे प्रदेश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है.
बीते कुछ महीनों में भीषण गर्मी के दौरान भी विद्युत विभाग द्वारा पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर विद्युत आपूर्ति बनाये रखने पर ऊर्जा मंत्री द्वारा विद्युत विभाग के समस्त अधिकारियों की प्रशंसा की गई. साथ ही निर्देशित किया गया कि आधारभूत संरचनाओं के अनुरक्षण के लिए बेस्ट प्रेक्टिस का पालन किया जाए, जिससे कि उपभोक्ताओं को 24 घन्टे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने का सरकार का संकल्प पूरा हो सके. साथ ही आरडीएसएस व अन्य योजनाओं के अन्तर्गत हो रहे विकास कार्यों के लिए लिये जाने वाले शटडाउन के कारण होने वाले विद्युत व्यवधान की सूचना व कार्य पूर्ण होने के उपरान्त होने वाले लाभ के बारे में जनप्रतिनिधियों व स्थानीय समाचार पत्रों को अवगत कराया जाये.
बैठक में कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव द्वारा वर्ष 2014 के बाद वाराणसी में हुए विद्युत आपूर्ति में सुधार होने के मद्देनजर विद्युत विभाग एवं सरकार की प्रशंसा की गई. विधायक द्वारा यह अपेक्षा की गई कि जब भी किसी भी कार्य को कोई शटडाउन लिया जाये तो जनप्रतिनिधियों को विभाग के द्वारा अवश्य रूप से अवगत करा दिया जाये ताकि आम जनमानस को गलत संदेश न मिल सके.
प्रबन्ध निदेशक ने अवगत कराया गया कि वर्ष 2030 तक होने वाले विद्युत भार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सिस्टम डिजाइन का कार्य किया जा रहा है जिससे कि लो-वोल्टेज एवं अतिभारिता की स्थिति से बचा जा सके एवं उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. वाराणसी शहर के अन्तर्गत 1300 करोड़ रूपये की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिसके अन्तर्गत 1202 स्थानों पर नये वितरण परिवर्तक एवं 1955 स्थानों पर परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि का कार्य किया जाएगा.
मुख्य अभियन्ता (वितरण)- प्रथम वाराणसी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके वितरण क्षेत्र में 10 पॉवर परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि का कार्य पूर्ण करा लिया गया है. 596 स्थानों पर वितरण परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि की गई एवं 207 स्थानों पर नये वितरण परिवर्तक लगाये गये हैं. आरडीएसएस व बिजनेस प्लान 2024-25 में अनेक स्थानों पर कार्य कराये जा रहे हैं. 28 व 29 मई एवं 7 व 8 जून को अत्यधिक गर्मी होने के कारण कुछ स्थानों पर अतिभारिता की स्थिति आई जिसके लिए पॉवर परिवर्तकों पर कुलर लगाकर परिवर्तकों का तापमान नियंत्रित करते हुए विद्युत आपूर्ति को सामान्य रखा गया. आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान के अन्तर्गत बचे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है, जिससे सरकार की अपेक्षानुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
ऊर्जा मंत्री द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम में हो रहे विद्युत आपूर्ति की जानकारी ली गई. आगामी योजना अन्तर्गत आटोमेटिक आरएमयू के द्वारा मन्दिर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया. साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि सिस्टम पर आये अधिकतम भार को ध्यान रखते हुए सिस्टम डिजाइन किया जाये, जिससे आगामी वर्षों में अतिभारिता की समस्या उत्पन्न न हो.
मुख्य अभियन्ता (वितरण) - द्वितीय, वाराणसी द्वारा अवगत कराया गया कि वितरण परिवर्तकों की अतिभारिता के कारण कुछ स्थानों पर उपभोक्ताओं की शिकायत प्राप्त हुई. उक्त स्थानों पर परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि हेतु चिन्हित करते हुए बिजनेस प्लान वर्ष 2024-25 में स्वीकृत करा लिया गया है एवं शीघ्र ही कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा एवं इन कार्यों के पूर्ण होने पर सरकार की अपेक्षानुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी.
मुख्य अभियन्ता मिर्जापुर क्षेत्र द्वारा अवगत कराया गया कि बिजनेस प्लान 2023-24 के 2098 कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है एवं शेष कुछ बचे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करा लिया जाएगा। कार्यो को समयक नियोजन से किया जा रहा है, जिससे कि शासन के अपेक्षानुसार विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी.
मंत्री द्वारा विंध्यवासनी धाम क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने को आवश्यक आधारभूत संरचना में निर्माण हेतु निर्देशित किया गया साथ ही सोनभद्र के दुग्धी क्षेत्र अविद्युतीकृत क्षेत्रों के विद्युतीकरण कराने हेतु निर्देशित किया गया.
मुख्य अभियन्ता, प्रयागराज - प्रथम द्वारा अवगत कराया गया कि 54 विद्युत उपकेन्द्रों में से 39 पर डबल सोर्स सप्लाई उपलब्ध है। वितरण क्षेत्र के अन्तर्गत लगभग सभी स्थानों पर विद्युत आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है. झूसी, करैली एवं कसाडी - मसाडी में विद्युत चोरी के कारण अतिभारिता की समस्या उत्पन्न होती है जिसके लिए प्रभावी कदम उठाकर विद्युत चोरी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्य अभियन्ता, प्रयागराज - द्वितीय द्वारा अवगत कराया गया कि उनके क्षेत्र में बिजनेस प्लान व अन्य योजनाओं के अन्तर्गत 1828 कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं। पिछले वर्ष फतेहपुर जनपद में कृषि भार के कारण अतिभारिता की स्थिति बनी थी. इस वर्ष आर0डी०एस०एस० योजना के अन्तर्गत कृषि फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है जिससे अतिभारिता से बचा जा सकेगा. इन कार्यों के पूर्ण होने से शासन के अपेक्षानुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी.
मंत्री द्वारा जमुनापार से प्राप्त हो रहे अधिक उपभोक्ता शिकायतों के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि जो कर्मिक लम्बे समय से क्षेत्र में तैनात हैं या उनका व्यवहार उपभोक्ताओं के प्रति अच्छा नहीं उन्हें उन स्थानों से नियमानुसार हटाकर दूसरे स्थान पर तैनात किया जाये.
समीक्षा केबाद मंत्री ने 1912 (कंट्रोल रूम) को मजबूत करने हेतु निर्देशित किया गया जिससे कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो सके. उपभोक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया जाये. सघन क्षेत्रों में जहां वास्तव में विद्युत चोरी हो रही है वहां आवश्यक कार्यवाही कर प्रभावी परिवर्तन सुनिश्चित किया जाये तेजी से हो रहे औद्योगिक एवं वाणिज्यिक विकास को ध्यान में रखते हुए आधारभूत संरचना की मजबूत प्लानिंग की जाये.
बैठक में कैण्ट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, प्रबन्ध निदेशक पू.वि.वि.लि शम्भु कुमार, पू०वि०वि०लि आर.के जैन निदेशक, निदेशक वित पू०वि०वि०लि संतोष कुमार जाडिया, मुख्य अभियन्ता योजना चन्द्रजीत कुमार, मुख्य अभियन्ता, वाराणसी अरविन्द कुमार सिंघल, मुख्य अभियन्ता, वाराणसी-प्रथम मुकेश कुमार गर्ग, मुख्य अभियन्ता -द्वितीय जे०पी०एन० सिंह, मुख्य अभियन्ता- मिर्जापुर प्रमोद कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता - प्रथम, प्रयागराज, विश्वदीप अम्बारदार, मुख्य अभियन्ता - द्वितीय, प्रयागराज श्रीश कुमार श्रीवास्तव, मुख्य अभियन्ता- तकनीकी, वी.पी. कठेरिया, अधीक्षण अभियन्ता, न.वि.वि.मं-प्रथम, अनिल वर्मा, अधीक्षण अभियन्ता - न.वि.वि.मं- द्वितीय, वाराणसी विजयराज सिंह, अधीक्षण अभियन्ता वि.वि.मं- वाराणसी श्री अशोक कुमार, अधीक्षण अभियन्ता, कार्यशाला ए.पी. सिंह, स्टॉफ आफिसर, प्रबन्ध निदेशक डिस्काम मनोज अग्रवाल, अधीक्षण अभियन्ता - भण्डार शामिल रहे.