CHS में लागू ई-लॉटरी सिस्टम का हुआ विरोध, छात्रों ने धरना देकर की एंट्रेंस एग्जाम से प्रवेश की मांग...

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सीएचएस स्कूल में ई-लॉटरी सिस्टम से हो रहे प्रवेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई और छात्र युवा संघर्ष समिति के छात्रों ने विरोध किया. मांग किया की एंट्रेंस एग्जाम से ही छात्रों का एडमिशन किया जाए ताकि मेधावी छात्रों का भविष्य खराब ना होने पाए.

CHS में लागू ई-लॉटरी सिस्टम का हुआ विरोध, छात्रों ने धरना देकर की एंट्रेंस एग्जाम से प्रवेश की मांग...

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सेंट्रल हिंदू स्कूल (CHS) में एडमिशन के लिए लागू ई-लॉटरी सिस्टम का पिछले तीन महीनों से विरोध चल रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को भी आम आदमी पार्टी BHU इकाई और युवा संघर्ष समिति के सदस्यों ने जमकर विश्वविद्यालय के खिलाफ में नारे लगाए। इस दौरान छात्रों ने कहा की ई-लॉटरी सिस्टम से संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है, यह असंवैधानिक है। 

सेंट्रल ऑफिस के सामने धरने पर बैठे छात्र कुलपति से मिलने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को जबरन हटाने का प्रयास किया जिस पर छात्र नारेबाजी करने लगे। बाद में कुलपति के नाम का ज्ञापन प्रॉक्टर ने लिया उसके बाद छात्र वहां से हटे।

मेधावी छात्रों का छीना जा रहा अधिकार

धरना देते हुए छात्रों ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार उच्च शिक्षा नीति पर बड़ी-बड़ी हांक रहे, लेकिन उन्हें यह दोषपूर्ण सिस्टम नहीं दिखता। प्रधानमंत्री के ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी के CHS में ई-लॉटरी सिस्टम से कराकर क्लास 9th और 11th के मेधावी बच्चों का प्रवेश रोका जा रहा। उनका अधिकार छीनका जान-पहचान और रसूखदारों को वरीयता दी जा रहीCHS में लागू ई-लॉटरी सिस्टम का हुआ विरोध, छात्रों ने धरना देकर की एंट्रेंस एग्जाम से प्रवेश की मांग... है। यह अन्याय है। छात्रों ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत शिक्षा हमारा अधिकार है। साथ ही अनुच्छेद 51(A) में दिए गए 11 मूल कर्तव्य में भी शिक्षा की बात कही गई है। भारत के हर वर्ग जाति का बच्चे को 8 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक निशुल्क शिक्षा दिलाना राज्य सरकार का काम है।

उच्च शिक्षा पर बड़ी-बड़ी हांक रही सरकार
धरना देते हुए छात्रों ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार उच्च शिक्षा नीति पर बड़ी-बड़ी हांक रहे, लेकिन उन्हें यह दोषपूर्ण सिस्टम नहीं दिखता। प्रधानमंत्री के ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी के CHS में ई-लॉटरी सिस्टम से कराकर क्लास 9th और 11th के मेधावी बच्चों का प्रवेश रोका जा रहा। उनका अधिकार छीनका जान-पहचान और रसूखदारों को वरीयता दी जा रही है। यह अन्याय है। छात्रों ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत शिक्षा हमारा अधिकार है। साथ ही अनुच्छेद 51(A) में दिए गए 11 मूल कर्तव्य में भी शिक्षा की बात कही गई है। भारत के हर वर्ग जाति का बच्चे को 8 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक निशुल्क शिक्षा दिलाना राज्य सरकार का काम है।