विरोधों के बाबजूद CHS और रणबीर में ई -लॉटरी से प्रवेश प्रक्रिया संपन्न, छात्रों का एडमिशन भाग्य भरोसे...
पिछले 3 महीनों में लाख विरोध को दरकिनार करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नीति-नियंताओं ने संबंधित विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा की लाटरी से संपन्न कराई. जुआ खेलकर बच्चों का भाग्य पोटली में बंद हो गया. इस प्रक्रिया का पिछले तीन महीनों से तीखा विरोध हो रहा था.
वाराणसी,भदैनी मिरर। शिक्षाविदों, राजनेताओं और छात्रों के लाख विरोध के बाबजूद काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने ई-लॉटरी के माध्यम से अपने संबद्ध विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया संपन्न करा ली। छात्रों का इस वर्ष प्रवेश उनकी बौद्धिकता के आधार पर नहीं बल्कि भाग्य भरोसे हो रही है। विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय स्थित चाणक्य प्रेक्षागृह में सेंट्रल हिंदू स्कूल (CHS) और रणवीर संस्कृत विद्यालय की एलकेजी, नर्सरी, कक्षा1, कक्षा6 और कक्षा 9 में ई लॉटरी से सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल के प्राचार्या एवं शिक्षा संकाय की प्रोफेसर अंजली बाजपेयी की अगुवाई में हुई। प्रवेश प्रक्रिया स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव सहित लॉटरी कमेटी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. एस. पांडेय एवं स्कूल बोर्ड सदस्यों, लॉटरी कमेटी सदस्यों, तथा तीनों विद्यालयों के प्राचार्यों, शिक्षकों और समन्वयका उपस्थित रहे।
दो दर्जन से अधिक हुए आंदोलन
बीएचयू के संबद्ध विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के लिए ई-लॉटरी प्रक्रिया समाप्त करने के लिए विश्वविद्यालय के भीतर दो दर्जन से अधिक आंदोलन हुए। सोशल मीडिया पर इस इस प्रक्रिया पर तीखा विरोध भी हो रहा है। बीते तीन महीने में कई बार छात्र सड़कों पर उतरे। खून की चिट्ठी से लेकर शवयात्रा तक निकाली गई थी। वहीं कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, विधायकों और विपक्ष के नेताओं ने इसकी एडमिशन प्रक्रिया पर सवाल भी खड़े किए थे। वहीं, कुलपति, शिक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से शिकायत भी की थी। मगर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए एडमिशन करा ही लिया।
कोविड़ काल में शुरु हुआ ई-लॉटरी
CHS में कोविड के दौरान यानी की 2020 के बाद से ही एंट्रेंस एग्जाम बंद कर दिया गया था। कोविड से उबरने के बाद भी एग्जाम की बहाली नहीं हुई। वहीं महामारी के दौरान ई-लॉटरी को भी प्रवेश का आधार बनाया गया। इस पर छात्र काफी भड़के थे और कई आंदोलन किए।
कक्षाओं में प्रवेश का विवरण
- एलकेजी (सीएचजीएस)- 120
- नर्सरी (बरकछा)- 40
- कक्षा 1 (रणवीर संस्कृत विद्यालय) - 40
- कक्षा 6 (सीएचबीएस)- 90
- कक्षा 6 (सीएचजीएस) - 98
- कक्षा 9 (सीएचबीएस) - 100
- कक्षा 9 (सीएचजीएएस) - 11