सर्व सेवा संघ की जमीन पर चल रहा बुलडोजर, रामधीरज ने बताई अपनी व्यथा...

प्रशासन द्वारा सर्व सेवा संघ की 13 एकड़ जमीन खाली कराए जाने के बाद शनिवार की सुबह से रेलवे का बुलडोजर चलाकर वहाँ अंदर बने हुई बिल्डिंगो का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।

सर्व सेवा संघ की जमीन पर चल रहा बुलडोजर, रामधीरज ने बताई अपनी व्यथा...

वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रशासन द्वारा सर्व सेवा संघ की 13 एकड़ जमीन खाली कराए जाने के बाद शनिवार की सुबह से रेलवे का बुलडोजर चलाकर वहाँ अंदर बने हुई बिल्डिंगो का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। सर्व सेवा संघ की जमीन पर ही एक स्कूल भी है जिसमे गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती थी, साथ ही महात्मा गांधी की मूर्ती भी इस परिसर में स्थापित है। 

इतिहास समाप्त कर रही सरकार 
जेपी आंदोलन के सिपाही रामधीरज ने बताया कि सरकार गुंडई कर रही है, जिस भवन में विनोबा जी और जेपी जी रहे हैं।  उसको सरकार गिरा रही है। इतिहास को समाप्त कर रही है। इनका खुद का इतिहास नहीं है इसलिए ये इतिहास को समाप्त कर रहे हैं। गुंडा भी ऐसा नहीं करता जैसे ये सरकार कर रही है। कल इनकी सरकार भी इसी तरह से ध्वस्त होगी। कोर्ट की भी ये नहीं मान रहे हैं। इन्होने एक दिन में एक गलत आदमी से एप्लिकेशन लेकर एक दिन में सर्व सेवा संघ का नाम ख़ारिज कर रेलवे का नाम चढ़ा दिया। ये सब काम दबंगई से किया जा रहा है। न्यायालय भले ही साथ न दें हम जनता के बीच इस आंदोलन को लेकर जाएंगे। 

भारत के पहले राष्ट्रपति की अध्यक्षता में हुई थी स्थापना

बता दें कि रेलवे ने इस जमीन पर अपना अधिकार बताया है, जबकि इससे जुड़े रामधीरज ने बताया कि 1948 में सर्व सेवा संघ की स्थापना भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई थी। उसके बाद 1960 में यह जमीन ली गई. विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण और लाल बहादुर शास्त्री के निर्देशन में लगभग 62 साल पहले सर्व सेवा संघ के भवन की नींव रखी गई।  इसका उद्देश्य महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना और उनके आदर्शों को स्थापित करना था। 

 
यहां से हुई ध्वस्तीकरण की शुरुआत 

राम धीरज ने बताया कि इन्होने सबसे पहले नारायण देसाई  के मकान से शुरुआत की है जो गांधी जी के पर्सनल सिक्रेट्री महादेव देसाई के लड़के थे। उसे सबसे पहले ध्वस्त किया है। इसके आलावा सर्व सेवा संघ के पहल अध्यक्ष धीरेन्द्र मजूमदार के कमरे को भी ध्वस्त किया है। गेस्ट हॉउस का हिस्सा ध्वस्त किया जा रहा है। राधा कृष्ण बजाज जनहोने इस भवन को बनाया था उनका कमरा तोड़ा है। यह कुल 13 एकड़ में है जब इसे खरीदा गया था। इसमें 18 से 20 बिल्डिंग हैं जिन्हे तोड़ा जा रहा है।