UP कांग्रेस अध्यक्ष बने बृजलाल खाबरी तो छह प्रांतीय अध्यक्षों में वाराणसी के अजय राय का भी नाम शामिल, जाने कौन है यह दिग्गज...

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर इटावा के रहने वाले बृजलाल खाबरी को अध्यक्ष बनाया है, वह दलित समुदाय के बड़े चेहरे है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने दलित कोटे से अपना अध्यक्ष बनाया है.

UP कांग्रेस अध्यक्ष बने बृजलाल खाबरी तो छह प्रांतीय अध्यक्षों में वाराणसी के अजय राय का भी नाम शामिल, जाने कौन है यह दिग्गज...

वाराणसी,भदैनी मिरर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और छह प्रांतीय अध्यक्षों की नियुक्ति की है. यह नियुक्ति पार्टी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने की है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर इटावा के रहने वाले बृजलाल खाबरी को अध्यक्ष बनाया है, वह दलित समुदाय के बड़े चेहरे है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने दलित कोटे से अपना अध्यक्ष बनाया है. पूर्व सांसद (लोकसभा/राज्यसभा) बृजलाल खाबरी की पत्नी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रही हैं, पत्नी उर्मिला सोनकर कैलिया सीट से कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य रहीं थी. वह प्रदेश के कई जिलों में एसडीएम और अपर आयुक्त के पद पर रह चुकी हैं. 

इसके अलावा पार्टी ने 6 प्रांतीय अध्यक्ष भी घोषित किए हैं. इसमें पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, वाराणसी में कांग्रेस के बड़े चेहरे अजय राय, वीरेंद्र चौधरी, नकुल दुबे, अनिल यादव और योगेश दीक्षित का नाम शामिल हैं.

कौन है अजय राय

अजय राय भूमिहार समुदाय के बड़े चेहरे है. वह वाराणसी के पिंडरा के पूर्व विधायक है, हालांकि वह पांच बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके है. उन्हें एक स्थानीय बाहुबली (मजबूत व्यक्ति) के रूप में जाना जाता है. अजय राय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा की युवा शाखा के सदस्य के रूप में की थी. 1996 में श्री राय ने कोलास्ला सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा. उन्होंने 2002 और 2007 के चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अवधेश सिंह को बहुत बड़े अंतर से हराकर सीट बरकरार रखी. वर्ष 2009 में भाजपा ने जब उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट देने से मना किया तो वह विधायक के रुप में अपना इस्तीफा दे दिया. उन्होंने लोकसभा ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन वह हार गए. उन्होंने फिर कोलासला उपचुनाव को निर्दलीय के रूप में लड़ा और जीत हासिल की. 

परिसीमन के बाद कोलास्ला निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त होने के बाद, अजय राय ने 2012 के विधानसभा चुनावों में नए पिंडरा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. जिसमें पूर्व कोलास्ला निर्वाचन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा शामिल है. अजय राय वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार बने. वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से हार गए, अरविंद केजरीवाल के बाद तीसरे स्थान पर रहे. पुनः कांग्रेस ने वर्ष 2019 में भी कांग्रेस ने अजय राय को उम्मीदवार बनाया और इस बार भी वह तीसरे स्थान पर रहे. लोकसभा हारने के बाद अजय राय ने विधानसभा वर्ष 2022 में फिर पिंडरा से ताल ठोका लेकिन हार गए.

पार्टी ने अजय राय पर क्यों किया भरोसा

उत्तर प्रदेश में भाजपा की लहर के बीच अजय राय पर कांग्रेस पार्टी ने इसलिए भी भरोसा किया है की वह लगातार प्रधानमंत्री और भाजपा के नीतियों के विरोध में आवाज उठाते रहते है. वह अपने आंदोलन के कारण प्रशासनिक अफसरों के कोपभाजन का शिकार भी हुए है. वर्ष 2015 को जब गंगा नदी में गणेश की मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध का काशी के संत विरोध कर रहे थे तो प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ संतों और अन्य स्थानीय नेताओं द्वारा एक मार्च के दौरान वाराणसी में हिंसा और आगजनी में उनकी कथित भूमिका के लिए अजय राय को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. लगभग 7 महीने बाद वह जेल से तब रिहा हुए  जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी.