लगातार उजागर हो रहा नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी का कारनामा, गैंगेस्टर मालिक दम्पतियों और मैनेजर पर बीते दिसम्बर में दर्ज हुए 14 मुकदमें...

The exploits of Nilgiri Infracity Company are constantly being exposed. 14 cases filed against gangster owner couple and manager in December last. जमीन, मकान और टूर पैकेज के नाम पर फ्रॉड करने वाली कंपनी नीलगिरी इंफ्रासिटी का कारनामा उजागर हुआ है। गैंगेस्टर मालिक दम्पतियों और मैनेजर पर बीते दिसम्बर में 14 मुकदमें दर्ज हुए है।

लगातार उजागर हो रहा नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी का कारनामा, गैंगेस्टर मालिक दम्पतियों और मैनेजर पर बीते दिसम्बर में दर्ज हुए 14 मुकदमें...
नीलगिरी इंफ्रासिटी के मालिक दम्पत्ति फिलहाल जेल में है।

वाराणसी,भदैनी मिरर। जमीन, गोल्ड और टूर पैकेज के नाम पर जालसाजी, धोखाधड़ी और धमकाने के लिए कुख्यात नीलगिरि इंफ्रॉसिटी कंपनी के मालिकों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। करोड़ो लोगों को ठगने वाली इस कंपनी से कितने लोग पीड़ित है इसका अंदाजा इस बात से लग सकता है कि वर्ष 2021 के मात्र दिसंबर माह में 14 नए मुकदमें दर्ज हुए है। वाराणसी की जिला जेल में बंद कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) विकास सिंह, उसकी पत्नी ऋतु सिंह (MD) और मैनेजर प्रदीप यादव के खिलाफ  चेतगंज थाने में दर्ज मुकदमें उनके गुनाहों को बयां कर रहे है।  इन 14 मुकदमों में 17 पीड़ित है। बागीश कुमार गुप्ता निवासी टड़ियावं जनपद मऊ का 2 लाख 85 हजार, शिव कुमार झा 2 लाख 56 हजार 582 रुपये, संजय कुमार सिंह 1825200 रुपये और अरविंद सिंह से 699200 रुपये हड़पा। ऐसे ही सभी कृष्ण कुमार तिवारी कोनिया रोड वाराणसी, अनुराधा यादव मुंगलसराय चन्दौली, रामप्रवेश यादव पांडेयपुर वाराणसी, सुधा राय गहमर जनपद गाजीपुर, मुकेश सिंह चौहान सिगही पोस्ट रसड़ा जनपद बलिया, भारतीय नौ सेना के सेवानिवृत्त सैनिक फिरोज अहमद खान की पत्नी आफरीन जमान धानापुर जनपद चन्दौली, कायनात परवीन खान धानापुर जनपद चन्दौली, जैद अहमद खां निवासी धानापुर जनपद चन्दौली, संजय कुमार वर्मा रेपुरा हल्दी जनपद बलिया, रविन्द्र कुमार पांडेय सुंदरपुर वाराणसी, स्नेहा सिंह कबीरपुर थाना रसड़ा जनपद बलिया और निरुपमा पांडेय हटवा थाना चंदवक जनपद जौनपुर निवासी पीड़ित है।


4 पर पुलिस ने लगाया है गैंगेस्टर

रियल एस्टेट कंपनी नीलगिरी के मालिक दम्पत्ति चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) विकास सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) ऋतु सिंह, मैनेजर प्रदीप यादव और एसोसिएट पलास के ऊपर चेतगंज थाने में गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज है। इस दिनों चारों जिला जेल में निरुद्ध है। 
रियल एस्टेट कंपनी के नाम पर उसके मालिकों ने जनता को जमीन, प्लाट और टूर पैकेज के बेहतर सपने दिखाए, और करोड़ो रुपए ऐंठ लिए गए। जब जनता पैसे या जमीन की मांग करने लगी तो उनसे बत्तमीजी शुरु हुई और फिर गाली-गलौज और धमकी मिलने लगे। 

पुलिस कर रही प्रभावी पैरवी

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि दिसम्बर माह से पूर्व दर्ज मुकदमों की जांच तेजी से चल रही है। ठोस साक्ष्य संकलन की कार्रवाई विशेष जांच दल (SIT) कर रही है। कुछ मुकदमों के आरोप पत्र भी न्यायालय भेजे गए है, और शेष के यथाशीघ्र भेजे जाएंगे। जनता के पैसों को हड़पने वालों के विरुद्ध पुलिस न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर सख्त सजा दिलवाएगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि जितने भी पीड़ित है, वह अपनी शिकायत चेतगंज थाने पर दर्ज कराए।

ऐसे पकड़ा नीलगिरी का मामला तूल

  • कमिश्नरेट बनने के बाद लगातार उच्चाधिकारियों के पास नीलगिरी इंफ्रासिटी के जालसाजी और धोखाधड़ी कर करोड़ो रुपए गबन करने की शिकायत पहुंच रही थी।
  • 26 जुलाई 2021 को गुजरात, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों के पीड़ित पहुंचकर नीलगिरी के ऑफिस में हंगामा किए, जिसके बाद पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने कार्रवाई की मांग की।
  • 5 अगस्त 2021 को जालसाज कंपनी नीलगिरी के सीएमडी विकास सिंह ने खुद को सही दिखाने के लिए अमिताभ ठाकुर सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट में 50 लाख की रंगदारी मांगने का वाद दाखिल किया।
  • 6 अगस्त 2021 को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने नीलगिरी के खिलाफ पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश से शिकायत की। और नीलगिरी के ऊपर दर्ज मुकदमों की सामूहिक जांच की मांग की।
  • 30 अगस्त 2021 को पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के सख्त होते के बाद पुलिस ने निलगीरी के सीएमडी विकास सिंह, मैनेजर प्रदीप कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की।
  • 31 अगस्त 2021 को सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह और मैनेजर प्रदीप कुमार को चेतगंज पुलिस ने जेल भेज दिया।
  • 1 सितंबर 2021 से पुलिस ने नीलगिरी के कर्ताधर्ताओं के ऊपर गैंगेस्टर लगाने की कार्रवाई शुरु की।
  • 1 सितंबर 2021 को ही पुलिस कमिश्नर (सीपी) ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
  • 2 सितंबर 2021 को सीपी ने एसआईटी को निर्देश दिया कि  एडीएम, विकास प्राधिकरण और एआरटीओ से संपत्ति का ब्यौरा इकट्ठा करें।
  • 11 सितंबर को चेतगंज पुलिस ने कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर विकास सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव को जेल से लाकर पूछताछ की।
  • 4 नवंबर को पुलिस ने विकास सिंह, ऋतु सिंह, प्रदीप यादव और पलास के ऊपर गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा पंजीकृत हुआ।