रक्षाबंधन की डेट को लकेर है कंफ्यूजन तो कर लें दूर, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और समय

इस साल सावन पूर्णिमा तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कोई 18 अगस्त तो कोई 19 अगस्त बता रहा है. साथ ही रक्षाबंधन पर भद्रा का साया और पंचक भी पड़ने वाला है. ऐसे में आइए जानते है रक्षाबंधन की सही तरीख और राखी बांधने का सही समय और मुहुर्त

रक्षाबंधन की डेट को लकेर है कंफ्यूजन तो कर लें दूर, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और समय

Raksha Bandhan 2024: हर साल श्रावण मास के शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस दिन बहनें भाई को राखी बांधकर उनके सुख-समृद्धि की कामना करती है. हालांकि, इस साल सावन पूर्णिमा तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कोई 18 अगस्त तो कोई 19 अगस्त बता रहा है. साथ ही रक्षाबंधन पर भद्रा का साया और पंचक भी पड़ने वाला है. ऐसे में आइए जानते है रक्षाबंधन की सही तरीख और राखी बांधने का सही समय और मुहुर्त....

सावन पूर्णिमा तिथि 2024

इस बार सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 18 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट से होगी जो अगले दिन यानी 19 अगस्त को पूरे दिन रहेगी. ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा.

इस समय तक रहेगा भद्रा का साया

पंचांग के अनुसार, 18 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट से भद्रा की शुरुआत होगी, जो अगले दिन 19 अगस्त को 1 बजकर 24 मिनट तक रहने वाली है. यह भद्रा पाताल लोक का होगा. भद्रा में रक्षा सूत्र बांधने शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में 19 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट के बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 25 मिनट तक राखी बांधने का शुभ समय है. इसके अलावा, प्रदोष काल में शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर 9 बजकर 08 मिनट तक राखी बांधने का भी समय उत्तम है. इस समय में रक्षा सूत्र बांधने से भाइयों को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है और साथ ही ऐश्वर्य और सौभाग्य का वरदान भी प्राप्त होता है.

बन रहा ये अद्भुत संयोग

ज्योतिष के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन रे दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग और शोभन योग बन रहा है. साथ ही, इस दिन सावन महीने का आखिरी सोमवार भी पड़ रहा है. यह अद्भुत संयोग इसे और भी शुभकारी बना रहे हैं.

भद्राकाल में राखी क्यों नहीं बांधते हैं?

पौराणिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि, लंकापति रावण की बहन शूर्पणखा ने अपने भाई को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिस कारण ही रावण का सर्वनाश हो गया था। इसी मान्यता के आधार पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. भद्राकाल में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है और भाई पर संकट आता है.