20 अप्रैल से विश्वप्रसिद्ध संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज, 15 से ज्यादा पद्म अवार्डी लगाएंगे बाबा के दरबार में हाजिरी, देखें पूरी सूची...

World famous Sankatmochan music festival begins from April 20 more than 15 Padma awardees will attend Baba s court20 अप्रैल से विश्वप्रसिद्ध संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज, 15 से ज्यादा पद्म अवार्डी लगाएंगे बाबा के दरबार में हाजिरी, देखें पूरी सूची...

20 अप्रैल से विश्वप्रसिद्ध संकटमोचन संगीत समारोह का आगाज, 15 से ज्यादा पद्म अवार्डी लगाएंगे बाबा के दरबार में हाजिरी, देखें पूरी सूची...

वाराणसी,भदैनी मिरर। दो साल पहले जब कोविड के कारण पूरी  दुनिया घर में कैद हो गई तब पहली बार ऐसा हुआ जब संकट मोचन संगीत समारोह वर्चुअली आयोजित किया गया। जो दो सालों तक लगातार चलता रहा। जिसके बाद इस वर्ष कोरोना संक्रमण का असर काफी होने पर एक बार फिर से हनुमत दरबार में कलाकार राम भक्त हनुमान जी के श्री चरणों में अपनी प्रस्तुति अर्पित करेंगे। इस वर्ष 99वां संकट मोचन संगीत समारोह आगामी 20 से 25 अप्रैल तक आयोजित किया जायेगा। इसकी जानकारी संकट मोचन मंदिर के महंत व आईआईटी बीएचयू के प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र ने देते हुए बताया कि 16 अप्रैल हनुमान जयंती को संकट मोचन मंदिर में स्थापित बैठे हनुमान जी (बैठकी हनुमान जी) का श्रृंगार होगा और सविधि पूजन-अर्चन किया जाएगा। बता दें कि संकट मोचन मंदिर में ही बैठे हुए हनुमान जी का विग्रह है। सो हनुमान जयंती पर बैठे हनुमान जी की आकर्षक झांकी सजाई जाएगी।


उन्होंने बताया कि संकट मोचन संगीत समारोह 20 अप्रैल से आरंभ होगा। इस बार नवोदित कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन नामचीन कलाकार भी अपनी प्रस्तुति अर्पित करेंगे। महंत प्रो मिश्र ने दुखी मन से कहा कि इन दो सालों में कोरोना ने कई नामचीन हस्तियों को हम से छीन लिया जिसमें काशी के सुनामधन्य पंडित राजन मिश्र भी रहे। वो निरंतर संकट मोचन संगीत समारोह में अपने भ्राता सादन मिश्र के साथ उपस्थित होते रहे। इस बार उनकी कमी खलेगी।

समारोह में ये प्रमुख कलाकार लगाएंगे हाजिरी


प्रो मिश्र ने बताया कि पिछले दो साल (कोरोना काल) में वर्चुअली संगीत समारोह में शामिल होने वाले कलाकारों को तरजीह दी जाएगी। वैसे संकट मोचन संगीत समारोह की अंतिम निशा के कलाकार होगे पंडित हरीश तिवारी। इनके अलावा भक्ति संगीत के मर्मज्ञ पंडित अनूप जलोटा, पंडित शिव मणि, उल्हास कसालकर, सिराज अली खा (सरोद), सुरेश तल्वरकर (सोलो तबला), उस्ताद शाकिर खां (सितार), उस्ताद गुलाम अब्बास (गायन), रोनू मजुमदार (बांसुरी), ज्योत्सना लक्ष्मी वाराणसी (गायन), कंकना बनर्जी, मालनी अवस्थी, मोइनुद्दीन खां आदि की अपनी प्रस्तुति अर्पित करेंगे।