राम से भरत के मिलते ही निकल पड़े श्रद्धालुओं के आंसू, लक्खा मेले में गूंज उठा 'जय श्री राम' का नारा, पुलिस ने ड्रोन से की निगहबानी

राम से भरत के मिलते ही निकल पड़े श्रद्धालुओं के आंसू, लक्खा मेले में गूंज उठा 'जय श्री राम' का नारा, पुलिस ने ड्रोन से की निगहबानी

वाराणसी,भदैनी मिरर। परम्पराओं को जीने वाली भोले की नगरी काशी में 478 वर्ष पुरानी प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप मेला सम्पन्न हुआ। इस दौरान भगवान राम और भरत के भाव पूर्ण मिलाप को देखकर श्रदाहलुओ के आंखों से आंसू निकल पड़े। उत्सवधर्मिता के लिए प्रसिद्ध काशी में नवरात्र और दशहरा के दूसरे दिन ही  लक्खा मेलों में शुमार भरत मिलाप का आयोजन किया गया।  चित्रकूट रामलीला समिति द्वारा आयोजित एतिहासिक भरत मिलाप को देखने के लिए लाखो श्रद्धालुओं की भीड़ हुई।

कोविड़ के कारण पिछले दो वर्षों से सांकेतिक रुप से होने वाले इस मेले को एकादशी के दिन भव्य रुप से मनाया गया। श्रद्धालु भगवान राम और उनके अनुज भरत के मिलन का जिवंत दर्शन किया। इसी कुछ क्षणों के मिलन को देखने के लिए यहां लाखों की भीड़ इकठ्ठा होती है। इस वर्ष भी ऐसा ही कुछ नजारा नाटी इमली मैदान में देखने को मिला। शुक्रवार को रावण दहन के बाद शनिवार कि शाम को लगभग चार बजकर चालीस मिनट पर जब अस्ताचल गामी सूर्य की किरणे भरत मिलाप मैदान के एक निश्चित स्थान पर पड़ती हैं तब लगभग पांच मिनट के लिए माहौल थम सा गया। एक तरफ भरत और शत्रुघ्न अपने भाईयों के स्वागत के लिए जमीन पर लेट जाते है तो दूसरी तरफ प्रभु राम, लक्ष्मण और माता सीता वनवास ख़त्म करके उनकी ओर दौड़ पड़ते हैं। चारो भाईयों के मिलन के बाद जय जयकार शुरू हो जाती है। परंपरानुसार चारो भाई रथ पर सवार होते हैं और यदुवंशी समुदाय के लोग उनके रथ को उठाकर चारो और घुमाते हैं । वहीं भगवान स्वरुप पात्रो को देख लीलाप्रेमी भावविभोर हो उठे।

ड्रोन से हुई निगहबानी

लक्खा मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए एडिशन सीपी मुख्यालय व अपराध सुभाष दुबे से लगायत एडिशन सीपी कानून-व्यवस्था अनिल कुमार खुद मोर्चा संभाले हुए थे। सादे  वर्दी में तैनात पुलसिकर्मियों के अलावा पूरे मेले की ड्रोन से निगहबानी की गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद रही।