असहनीय दर्द से पीड़ित थी युवती, एन्डोस्कोपी कर चिकित्सकों ने आंत से निकाला जीवित कीड़ा...

एपेक्स हॉस्पिटल के पेट एवं लिवर विभाग में 20 वर्षीय युवती अपने पेट में अजीबोगरीब दर्द की शिकायत के साथ गेस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉ रविकान्त ठाकुर से परामर्श के लिए आई. शुरुआत में उसने इस दर्द को गैस या खानपान का सामान्य दर्द माना, लेकिन जब दर्द और बढ़ने लगा तो उसने परामर्श का निर्णय लिया.

असहनीय दर्द से पीड़ित थी युवती, एन्डोस्कोपी कर चिकित्सकों ने आंत से निकाला जीवित कीड़ा...

वाराणसी, भदैनी मिरर। एपेक्स हॉस्पिटल के पेट एवं लिवर विभाग में 20 वर्षीय युवती अपने पेट में अजीबोगरीब दर्द की शिकायत के साथ गेस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉ रविकान्त ठाकुर से परामर्श के लिए आई. शुरुआत में उसने इस दर्द को गैस या खानपान का सामान्य दर्द माना, लेकिन जब दर्द और बढ़ने लगा तो उसने परामर्श का निर्णय लिया.

जहाँ विभिन्न जाँचों सहित डॉक्टर ने एंडोस्कोपी की सलाह दी. एंडोस्कोपी एक तकनीक है जिसमें एक ट्यूब को शरीर के अंदर डाला जाता है जिसमें एक कैमरा और आवश्यक साधन होते हैं, जो डॉक्टर को शरीर के अंदर की स्थिति की जाँच करने में मदद करता है. युवती को एंडोस्कोपी के लिए तैयार किया गया और डॉक्टर ने उसके पेट की अंदरुनी स्थिति की जाँच करना शुरू किया. जांच के दौरान डॉ ठाकुर ने पाया कि एक जीवंत कीड़ा युवती की छोटी आँत के अंदर छुपा हुआ है और अत्यंत तीव्रता के साथ गतिशील है. जिसके कारण उस कीड़े को सुरक्षित तरीके से निकालना एक जटिल प्रक्रिया थी.

डॉक्टर ने अपने अनुभव को इस्तेमाल करते हुए कुशलता पूर्वक एंडोस्कोप के माध्यम से धीरे-धीरे कीड़े को निकालते हुए उसके पेट को साफ किया अब युवती के चेहरे पर सुख का आभास है क्योंकि उसके पेट के अंदर से कीड़ा निकाल गया है. डॉक्टर ने बताया कि कैसे एंडोस्कोपी ने इस मुश्किल समस्या का समाधान किया.

एपेक्स के चेयरमैन वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ एसके सिंह ने डॉ रवि कान्त को बधाई देते हुए अवगत कराया कि एंडोस्कोपी जैसी तकनीकें चिकित्सा में कैसे एक नई राह खोल सकती हैं और कैसे वे जीवन को बचाने में मदद कर सकती हैं और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने में कितनई महत्वपूर्ण हैं ताकि ऐसी कठिनाईयों का सामना ना करना पड़े.