शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन हैं देवी स्कंदमाता की पूजा का विधान, दर्शन से होती है मनोकामना की पूर्ति
शारदीय नवरात्रि का आज पांचवा दिन है। आज पंचमी तिथि पर देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता देवी के दर्शन पूजन का विधान है। इन्हें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में पांचवा रुप माना गया है।
वाराणसी। शारदीय नवरात्रि का आज पांचवा दिन है। आज पंचमी तिथि पर देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता देवी के दर्शन पूजन का विधान है। इन्हें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में पांचवा रुप माना गया है। काशी में स्कंदमाता का मंदिर जैतपुरा स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में है।
माता के दर्शन के लिए देर रात से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्त माता को नारियल, चुनरी, भोग, प्रसाद, और श्रृंगार का सामान अर्पित करके शीश नवा रहे है।
शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि पर देवी के इस स्वरूप की आराधना से जहां व्यक्ति की संपूर्ण सकामनाएं पूर्ण होती हैं वहीं उसके मोक्ष का मार्ग भी सुगम्य हो जाता है। स्कंद कार्तिकेय की माता होने के कारण ही देवी के इस स्वरूप को स्कंदमाता नाम मिला है। काशी खंड, देवी पुराण और स्कंदपुराण में देवी के स्कंदमाता स्वरूप का विराट वर्णन किया गया है।