हिंदी दिवस : आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन, हिंदी की वैश्विक उपयोगिता पर हुई चर्चा
रामनगर स्थित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी का विषय "वैश्विक परिदृश्य में हिंदी की उपयोगिता" था.
वाराणसी, भदैनी मिरर। रामनगर स्थित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी का विषय "वैश्विक परिदृश्य में हिंदी की उपयोगिता" था.
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. श्रद्धा सिंह (हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय), महाविद्यालय की निदेशक व संगोष्ठी की अध्यक्ष प्रो. कल्पलता पांडेय और प्राचार्य प्रो. आर.एन. शर्मा ने दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती और आचार्य पंडित सीताराम चतुर्वेदी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया.
महाविद्यालय की निदेशक प्रो. कल्पलता पांडेय ने मुख्य अतिथि का अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और पौधा भेंट कर स्वागत किया. संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रो. श्रद्धा सिंह ने कहा कि हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान मिल रही है। हिंदी बोलने और समझने वालों की संख्या बहुत अधिक है और यह अभिव्यक्ति व साहित्य की दृष्टि से दुनिया की सबसे सशक्त भाषाओं में से एक है.
संगोष्ठी की अध्यक्ष प्रो. कल्पलता पांडेय ने बताया कि हिंदी साहित्य का स्तर निरंतर ऊंचा हो रहा है और इसका वैश्विक प्रभाव भी बढ़ रहा है. उन्होंने आचार्य पंडित सीताराम चतुर्वेदी जी के योगदान की सराहना की, जिन्होंने सैकड़ों कहानियां, कविताएं, उपन्यास और नाटकों की रचना की. प्राचार्य प्रो. आर.एन. शर्मा ने कहा कि हिंदी जन आंदोलनों की भाषा रही है और यह देश की एकता का प्रतीक है.
संगोष्ठी में महाविद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए. पूर्व संध्या पर आयोजित भाषण, कविता और निबंध प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया.
अंत में डॉ. अरुण कुमार दुबे ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन श्रीमती लक्ष्मी ने किया. इस अवसर पर डॉ. प्रतिमा राय, डॉ. रजनी श्रीवास्तव, डॉ. सूर्य प्रकाश वर्मा सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं.