पुण्यतिथि पर याद किए गए नेताजी मुलायम सिंह, BHU के सेंट्रल लाइब्रेरी में गोष्ठी का आयोजन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में नेताजी स्व. मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि के अवसर पर सेंट्रल लाइब्रेरी के लॉन में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया

पुण्यतिथि पर याद किए गए नेताजी मुलायम सिंह, BHU के सेंट्रल लाइब्रेरी में गोष्ठी का आयोजन

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में नेताजी स्व. मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि के अवसर पर सेंट्रल लाइब्रेरी के लॉन में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.इस दौरान समाजवादी छात्र नेता आशुतोष सिंह "यीशु" ने नेताजी के राजनीतिक योगदान पर प्रकाश डाला. 

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने उत्तर भारत के वंचित और शोषित बहुजन समाज को आत्मविश्वास से भरकर उन्हें हक और अधिकार के लिए संगठित किया, जिन लोगों को समाज में पीछे रखा गया, उन्हें नेताजी ने सत्ता में भागीदारी दिलाई और समाज में बराबरी की चेतना स्थापित की. डॉ. लोहिया के समाजवाद से प्रेरित होकर, नेताजी ने डॉ. आंबेडकर के सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए। भारतीय राजनीति में उनके बिना कोई चर्चा अधूरी रहेगी.

इस गोष्ठी में प्रमुख रूप से चंदौली के पूर्व सांसद राम किशुन यादव, प्रियंका सोनकर, विंध्याचल यादव, कृष्णा कांत यादव सहित कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.

बाबा साहेब अंबेडकर वाहिनी की पदयात्रा और श्रद्धांजलि सभा

इसी क्रम में नेताजी की पुण्यतिथि पर बाबा साहेब अंबेडकर वाहिनी, वाराणसी द्वारा एक पदयात्रा का आयोजन किया गया. सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया, जो संत रविदास मंदिर से शुरू होकर सीर गोवर्धनपुर गेट पर समाप्त हुई. इस मौके पर वाहिनी के महानगर अध्यक्ष, अमन यादव ने नेताजी की समाजवाद और गरीबों के प्रति निष्ठा को याद किया. उन्होंने कहा कि नेताजी जीवनभर गरीब, पिछड़े और कमजोर वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे, और उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया.

बलुवा घाट पर श्रद्धांजलि अर्पण और नेताजी के योगदान का स्मरण

रामनगर के जसवंत नगर से विधायक और बाद में सहकारिता मंत्री बनकर राजनीति की शुरुआत करने वाले नेताजी ने हमेशा कार्यकर्ताओं के प्रति स्नेह और जनता की सेवा को अपना मूल मंत्र माना. 1989 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की और तीन बार मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री का पद संभाला.

नेताजी की दूसरी पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बलुवा घाट पर उनके तैलचित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यकर्ताओं ने नेताजी के किसानों, मजदूरों और गरीबों के हक में किए गए कामों की सराहना की. उन्होंने अस्पताल की पर्ची को एक रुपये में उपलब्ध करवाने और चुंगी कर को खत्म करने जैसी ऐतिहासिक फैसलों की भी चर्चा की. रक्षा मंत्री रहते हुए नेताजी ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था लागू की थी. कार्यक्रम का नेतृत्व जितेंद्र मलिक ने किया, जबकि संचालन संजय यादव ने किया.

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आरती यादव, रामबाबू सोनकर, विवेक कहार, सुजीत सिंह, विनोद यादव और कई अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहे. अंत में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर नेताजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.