नवरात्र के छठे दिन हो रहा माता कात्यायनी के दर्शन, शादी में बांधा आने वाली कुंवारी कन्या करें आज दर्शन...

नवरात्र के छठवें दिन माता कात्यायनी के दर्शन का विधान है. माता कात्यायनी का रूप सोने जैसा है. मां चतुभुर्जा हैं.

नवरात्र के छठे दिन हो रहा माता कात्यायनी के दर्शन, शादी में बांधा आने वाली कुंवारी कन्या करें आज दर्शन...

वाराणसी,भदैनी मिरर। चैत्र नवरात्र के षष्ठी तिथि पर माता के छठें स्वरूप कात्यायनी के दर्शन का विधान है. मां का मंदिर काशी के सिंधिया घाट मोहल्ले में मां संकठा मंदिर के पास है. पुराणों में उल्लेख है कि कात्यायन ऋषि के तप से प्रसन्न होकर मां आदि शाक्ति ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुईं. ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण माता कात्यायनी कहलाती हैं.

ऐसी मान्यता है कि माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है. मां के इस रूप का पूजन-अर्चन करने से भक्तों के पाप का नाश होता है. साथ ही मां ज्ञान प्रदान करती हैं. काशी के अलावा वृंदावन में भी माता अधिष्ठात्री देवी हैं. भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए गोपियों ने कात्यायनी व्रत रखा था. इनका रूप सोने जैसा है. मां चतुभुर्जा हैं.

माता का वाहन सिंह है. इसी मान्यता के अनुसार मां का दर्शन करने आये श्रद्धालुओं में कुवारी कन्याओं की भी भीड़ देखने को मिली. सभी ने कतारबद्ध होकर मां का दर्शन पूजन कर जीवन मंगल की कामना की.