बिजलीकर्मियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जारी, बोले कर्मचारी- उत्पीड़न हुआ तो होंगे गंभीर परिणाम, मंत्री को हस्तक्षेप करने की मांग...
वाराणसी में विभिन्न मांगों को लेकर बिजलीकर्मियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार बुधवार को भी जारी रहा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने काम बन्द कर दिन भर विरोध प्रदर्शन किये. बिजली कर्मचारियों की मांग है की निजीकरण को बंद कर पुरानी पेंशन की बहाली हो. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के रवैये की तीव्र भर्त्सना की.
कहा की आम जनता को तकलीफ न हो इसके लिए कार्य बहिष्कार के चालू चरण में बिजलीकर्मियों को कार्य बहिष्कार आन्दोलन से फिलहाल अलग रखा गया है.
ऊर्जा मंत्री करें हस्तक्षेप
29 नवम्बर से संघर्ष समिति उप्र के आह्वान पर शुरु ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों का अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार बुधवार दूसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन पर हटवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए वक्ताओं ने कहा की चेयरमैन बिजलीकर्मियों की समस्याओं के बारे में सही तथ्य सरकार को न बताते हुए गुमराह कर रहे हैं, जिससे ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो गया है और टकराव बढ़ रहा है. यदि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा प्रभावी हस्तक्षेप से ही अब ऊर्जा निगमो में कार्य का वातावरण बन सकेगा और बिजलीकर्मियों की न्यायोचित समस्याओं का समाधान हो सकेगा.
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेताया की यदि शान्तिपूर्ण कार्य बहिष्कार आन्दोलन के कारण किसी भी बिजलीकर्मी का कोई उत्पीड़न किया गया तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे और सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी उसी समय हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की होगी.
यह है आंदोलन करने वाले कर्मचारियों की मांग
- बिजलीकर्मियों की मुख्य मांग है कि ऊर्जा निगमों में चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक के पदों पर समुचित चयन के बाद ही नियुक्ति की जाये.
- बिजलीकर्मियों को पूर्व की तरह 9 वर्ष, 14 वर्ष एवं 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त पदोन्नति पद का समयबद्ध वेतनमान दिया जाये.
- बिजलीकर्मियों को कैशलेस इजाल की सुविधा दी जाये.
- ट्रांसफॉर्मर, वर्कशॉप का निजीकरण एवं पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण के आउटसोर्सिंग के आदेश निरस्त किये जाये.
- समस्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये, बिजली कर्मियों की सुरक्षा हेतु प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये.
- बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाये.
- भत्तों का पुनरीक्षण किया जाये एवं उत्पादन, प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाये.
- बिजलीकर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा यथावत रखी जाये, बिजलीकर्मियों / संविदाकर्मियों को बोनस का भुगतान किया जाये.
- संविदाकर्मियों को नियमित किया जाये, बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियां दूर की जायें.
सभा की अध्यक्षता जिउतलाल ने एवं संचालन राजेन्द्र सिंह ने किया।