बढ़ाई गई कोविड कमांड सेंटर के हेल्पलाइन नंबरों की संख्या, डीएम का निर्देश अनावश्यक रूप से न लिखें रमडेसिविर इंजेक्शन

बढ़ाई गई कोविड कमांड सेंटर के हेल्पलाइन नंबरों की संख्या, डीएम का निर्देश अनावश्यक रूप से न लिखें रमडेसिविर इंजेक्शन

वाराणसी/भदैनी मिरर। कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए वर्तमान में अति आवश्यक आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने, रेमडीसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता आदि के लिए मंगलवार को जनपद के सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों की आवश्यक बैठक सर्किट हाउस में जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा द्वारा की गयी।

बैठक के दौरान एक-एक हास्पिटल में बेड की उपलब्धता, भर्ती कोविड मरीजों की संख्या तथा बेड की संख्या के सापेक्ष आवश्यक आक्सीजन सिलिंडर की संख्या निर्धारित करते हुए उसका प्रबंधन, रिफिलिंग कराने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे भर्ती मरीजों को आक्सीजन की कमी न हो और उन्हें इधर उधर दूसरे अस्पतालों में भागना न पड़े। 

इसके साथ ही अस्पतालों के द्वारा मरीज को प्रेस्क्रिप्शन में पर्चे पर रेमडिसिविर इंजेक्शन लिखने से मरीज हेतु लोग मार्केट में दवा की दुकानों पर खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं जब कि इसकी सीमित आपूर्ति के कारण दुकानों पर उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को आवश्यक हो तो उस मरीज का नाम आक्सीजन लेवल मोबाइल नं व पता आदि लिख कर डा. संजय राय प्रभारी को भेज दें, इंजेक्शन अनावश्यक रूप से न लिखा जाय । उपलब्ध होने पर अस्पतालों को सूचित किया जायेगा। कई शिकायतें इंजेक्शन के ब्लैक मार्केटिंग से अत्यधिक दामों पर बेचने की शिकायत मिली है अगर किसी के द्वारा ऐसा करने की जानकारी मिली तो सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।

कोविड कमांड सेंटर में हेल्प लाइनों की संख्या 5 से बढ़ा कर 19 कर दी गयी है जिससे सूचनायें तत्काल मिलती रहें। सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता और आक्सीजन सिलिंडरों की सही जानकारी कमांड सेंटर को प्रतिदिन दी जा रही है जिससे जहां भी बेड उपलब्ध होंगे तत्काल मांग के अनुसार सम्बंधित मरीज को उस अस्पताल में भर्ती कराये जाने हेतु एम्बुलेंस भेजी जा रही है। ट्रामा सेंटर में 90 बेड और बढ़ाये जा रहे हैं जिससे मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए बेड उपलब्ध हो सके। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं जो अस्पतालों में बेड, आक्सीजन तथा मरीजों से अधिक चार्ज लेने आदि की शिकायतों की जांच नियमित करते रहेंगे। सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के लिए कम्पनियों को नियमित भुगतान किया जा रहा है।