UP-STF ने 2 लाख के इनामी बदमाश मनीष सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया, दर्ज है 32 से ज्यादा मुकदमें...
BigBreaking UP STF kills 2 lakh prize crook Manish Singh in an encounter more than 2 dozen cases have been registeredBigBreaking: लूट, हत्या और रंगदारी के लिए कुख्यात 2 लाख के इनामी बदमाश मनीष सिंह को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. उसके ऊपर पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में 32 मुकदमें दर्ज है.
अवनिन्द्र कुमार सिंह , भदैनी मिरर। अपराध की दुनिया में लगातार एक के बाद एक बड़े वारदातों के कारण से वाराणसी जोन की पुलिस के लिए सिरदर्द बना 2 लाख के इनामी बदमाश मनीष सिंह उर्फ सोनू को उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UP-STF) ने लोहता इलाके में हुई मुठभेड़ में मार गिराया। मनीष सिंह सोनू के पास से 9 एमएम की कार्बाइन, .38 बोर की पिस्टल और 20 कारतूस बरामद हुए हैं। उस पर साल 2007 से लेकर अब तक वाराणसी सहित पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में लूट, हत्या और रंगदारी के 32 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे।
सोनू के पास से बरामद कार्बाइन
यूपी-एसटीएफ की वाराणसी इकाई मनीष सिंह सोनू की तलाश में लगातार लगी हुई थी। एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह को सोमवार को पता लगा कि मनीष सिंह सोनू लोहता क्षेत्र की बनकट रेलवे क्रॉसिंग के समीप मौजूद है तो तत्काल उसकी घेराबंदी की गई। खुद को घिरता देख मनीष सिंह सोनू ने फायरिंग शुरू की, लेकिन एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
मुठभेड़ में चकमा देकर भाग निकला था मनीष
मनीष सिंह सोनू के शव को मर्चरी ले जाती पुलिस
बता दें कि 26 नवम्बर 2020 को मुठभेड़ के दौरान मनीष सिंह उर्फ सोनू मुठभेड़ के दौरान भाग निकला था जबकि पुलिस ने उसके 1 लाख के इनामी साथी रोशन गुप्ता उर्फ बाबू उर्फ किट्टू को मार गिराया था। 28 अगस्त 2020 को चौकाघाट स्थित काली मंदिर के समीप अशोक विहार कॉलोनी निवासी कैंट थाने के हिस्ट्रीशीटर अभिषेक सिंह प्रिंस और चौकाघाट निवासी ट्राली चालक बाल्मीकि गौड़ की हत्या में सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद एडीजी वाराणसी जोन ने एक लाख से इनाम बढ़ाकर 2 लाख कर दिया था।
सनी के मारे जाने के बाद खुलकर करने लगा था आपराधिक काम
मनीष सिंह “सोनू” एक कुख्यात बदमाश है। लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी अनिल सिंह का बेटा मनीष सिंह 'सोनू' बचपन से चोलापुर के उंदी गाँव में अपने एक रिश्तेदार के यहाँ रहता था। सोनू शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का था। मुठभेड़ में सनी सिंह के मारे जाने के बाद मनीष सिंह खुलकर वाराणसी सहित आसपास के कई जनपदों में व्यापारियों को धमकी देकर रंगदारी मांगने के मामलें में जुट गया। दो लाख के इनामी बदमाश मनीष सिंह सोनू पर वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़ सहित अन्य जनपदों के विभिन्न थानों में लगभग दो दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। पहले सोनू पर एक लाख का इनाम घोषित था, जिसे 28 अगस्त को चौकाघाट काली मंदिर के पास हुए डबल मर्डर की घटना में सीसीटीवी फुटेज में चिन्हित होने के बाद एडीजी वाराणसी जोन वृजभूषण की संस्तुति के बाद दो लाख का इनाम कर दिया गया था। तब से पुलिस उसकी तलाश में है। मनीष सिंह सोनू का नाम रोहनियां के एक व्यापारी से दस लाख की रंगदारी मांगने में सामने आया था। वर्ष 2021 के पांच अप्रैल को शुलटंकेश्वर से दर्शन-पूजन कर लौट रहे एनडी तिवारी की हत्या में भी उनका नाम सामने आया था। सितंबर 2020 में भी मिर्जापुर के चुनार में एक कंपनी के अधिकारी से रंगदारी मांगने और हत्या के मामले में नाम सामने आया था।
सनी भी मारा गया था मुठभेड़ में
बड़ी पियरी निवासी रोशन गुप्ता 'किट्टू' जरायम की दुनिया में महज 20 साल की उम्र में कदम रख दिया था। किट्टू 2011 में दशाश्वमेध क्षेत्र के खालिसपुर निवासी गोपाल यादव की हत्याकर अपराध करना शुरु किया। व्यापारियों के बीच किट्टू के नाम का खौफ था। उसके खिलाफ वाराणसी और गाजीपुर में हत्या के सात, हत्या के प्रयास में नौ और रंगदारी सहित अन्य आरोपों में कुल 34 मुकदमें दर्ज थे। वर्ष 2015 के पहले रोशन गुप्ता उर्फ किट्टू को पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी सनी सिंह का सपोर्ट था, दोनों एक साथ मिलकर ताबड़तोड़ कई घटनाओं को अंजाम दिये थे वर्ष 2015 में ही 27 जुलाई को जगतगंज इलाके के एक फ्लोर मिल से 27 लाख की लूट के मामले में सनी का नाम सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से सामने आने के बाद एसटीएफ ने जाल बिछाया और 29 जुलाई को कबीरचौरा अस्पताल के समीप मुठभेड़ में मार गिराया।
सनी के मारे जाने के बाद किट्टू ने अपनी आपराधिक गतिविधियां दुर्दांत अपराधी मनीष सिंह सोनू के साथ शुरु की और व्यापारियों को डरा धमका कर रंगदारी वसूली के काम मे जुट गया। 15 नवंबर 2020 को उसने अपने घर के पास पियरी में एक सर्राफा व्यवसायी को पिस्टल सटाकर 50 लाख कि रंगदारी मांगी। इस घटना की सीसीटीवी फुटेज वायरल होते ही उसके ऊपर इनाम की धनराशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई। इस घटना के ठीक 11 दिन बाद राजघाट से पहले भदऊ चुंगी के समीप पुलिस के गोली का शिकार होते ही किट्टू के आतंक का अंत हो गया।