चित्रकूट में सम्मानित हुए BHU के प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल, कोरोना काल में किए गए सकारात्मक कार्यों की हुई सराहना...
BHU professor Sriprakash Shukla honored in Chitrakoot appreciated the positive work done during the Corona periodचित्रकूट में सम्मानित हुए BHU के प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल, कोरोना काल में किए गए सकारात्मक कार्यों की हुई सराहना...
वाराणसी,भदैनी मिरर। चित्रकूट स्थित श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा संचालित जानकीकुंड नेत्र चिकित्सालय, चित्रकूट में 'कोरोना में जीवन' विषयक एक संगोष्ठी व सह सम्मान का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकार व बीएचयू के हिंदी विभाग के आचार्य प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चिकित्सालय के निदेशक डॉ बी के जैन ने की ।मुख्य वक्तव्य बीएचयू के प्रसिद्ध न्यूरो चिकित्सक और ऑक्सीजन फेरीवाला के प्रस्तोता प्रो विजयनाथ मिश्र ने दिया।
इस अवसर पर प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल को सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि इस महामारी में उनका सेवाभाव व समर्पण अत्यंत सराहनीय रहा है, चित्रकूट की इस सुदूर धरती पर इस नेत्र चिकित्सालय ने तमाम लोगों को आंख की रोशनी देने का जो कार्य किया है वह एक असाधारण सेवा कार्य है।उन्होंने कहा कि बाल्मीकि से लेकर तुलसी ने जिस चित्रकूट को सुखधाम कहा है। उसे वास्तविक धरातल पर उतारने का कार्य इस क्षेत्र के चिकित्सकों ने ही किया है।
उन्होंने चिकित्सकों से अपनी 'कोरोजीवी साहित्य', की अवधारणा को साझा करते हुए कहा कि चिकित्सा शरीर को स्वस्थ करती है, जबकि साहित्य मन को। कहा कि इतिहास में आई हर महामारी मनुष्य की जिजीविषा से पराजित हुई है। जिसमें साहित्य व चिकित्सा ने संयुक्त भूमिका निभाई है।।इस अवसर पर उन्होंने अस्पताल के संस्थापक स्वामी रणछोड़दास जी महाराज की सेवाओं को भी याद किया।
मुख्य वक्तव्य देते हुए बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभागजे अध्यक्ष प्रो. विजयनाथ मिश्र ने कोरोना के दौरान 'ऑक्सीजन फेरीवाला' व 'ट्विटर ओपीडी' की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि संस्थान व जनता ने मिलकर कोरोना में जीवन को संभव किया है।उन्होंने सकारात्मक सोच और मनुष्य के जीवट को स्वास्थ्य के लिए जरूरी मानते हुए कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार ज्ञापित किया ।इस अवसर पर उन्होंने कोरोना के बीच जीवन पर आए संकट व उससे बाहर आने के संघर्ष पर एक प्रस्तुति भी दी।
अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए जानकी कुंड नेत्र चिकित्सालय के निदेशक डॉ बी के जैन ने संस्था के चिकित्सकों द्वारा कोरोना काल में की गई सेवाओं की विस्तार से चर्चा की और कहा कि जीवन व स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा, उदात्त सोच व समृद्ध साहित्य की संयुक्त रूप से जरूरत होती है।कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन चिकित्सालय के प्रशासक डॉ अमर बहादुर सिंह राजपूत ने किया।इस अवसर पर अस्पताल के कई चिकित्सक मौजूद थे ।