जिले में शुरू हुआ 38वां नेत्रदान पखवाड़ा, रैली-गोष्ठी व नुक्कड़ नाटक से किया जागरूक...
राष्ट्रीय अन्धता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में शुक्रवार से नेत्रदान पखवाड़ा की शुरुआत की गई. यह पखवाड़ा 8 सितंबर तक चलेगा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। राष्ट्रीय अन्धता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में शुक्रवार से नेत्रदान पखवाड़ा की शुरुआत की गई. यह पखवाड़ा 8 सितंबर तक चलेगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि नेत्रदान करने से किसी व्यक्ति के अंधकारमय जीवन में रोशनी मिलती है. उन्होंने काशीवासियों से अपील किया है कि जो लोग नेत्रदान के लिए इच्छुक हैं वे अधिकृत नेत्र बैंक में अपना संकल्प फॉर्म भरे.
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि आज नेत्रदान पखवाड़े की शुरुआत हुई है जिसके अंतर्गत बीएचयू नेत्र बैंक, लायंस आई बैंक व वाराणसी आई बैंक समेत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जनजागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक, गोष्ठी, नेत्रदान संकल्प का आयोजन हुआ. आगामी दिनों में विभिन्न ग्रामीण व शहरी स्कूलों और संस्थानों में भी जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
प्रातः जनजागरूकता रैली लायंस नेत्र बैंक, लायंस क्लब वाराणसी सिटी व डॉ अनुराग टंडन के सहयोग से टंडन नर्सिंग होम पियरी से प्रारम्भ होकर एसएसपीजी हॉस्पिटल पर समाप्त हुई जहाँ समस्त चिकित्सकों व कर्मचारियों ने नेत्रदान संकल्प फॉर्म भरा.
अपराह्न नेत्रदान जागरूकता गोष्ठी व नुककड़ नाटक का मंचन वाराणसी आई बैंक सोसाइटी, रोटरी क्लब गंगा व डॉ सुनील शाह के सहयोग से रामकटोरा में सम्पन्न हुआ. इसके साथ ही जनपद के मिसीरपुर सीएचसी सहित अन्य सीएचसी-पीएचसी पर जन जागरूकता अभियान चलाया गया.
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि किसी व्यक्ति के मृत्यु के छह घंटे के अंदर उसकी आँख (कार्निया) निकला जा सकता जाता है और नेत्र बैंक में सुरक्षित रखते हुए 72 घंटे के अंदर-अंदर दृष्टिहीन व्यक्ति में लगा दिया जाता है, जिससे उसके आँखों में रोशनी आ जाती है.
नेत्रदान पखवाड़े के दौरान जनहित संदेश -
- मृत्यु के बाद आँखें दान करें
- दान में प्राप्त कॉर्निंया से दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को दृष्टि मिल सकती हैं।
- मृत्यु के 6 घंटों के भीतर आँखें सुरक्षित करा लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय राय, एसआईसी डॉ एस पी सिंह, डा अनुराग टंडन, डॉ सुनील शाह, डॉ शालिनी टंडन, मुकुंद लाल टंडन, प्रद्युम्न शाह, दीपक अग्रवाल, रमन लता अग्रवाल, कृष्ण बल्लभ दास, अनिल टंडन, राजीव अग्रवाल, सचिन मेनन, अजय मौर्या, अप्पू गोयल आदि ने सक्रिय भागीदारी किया.