सांसद अतुल राय समेत 16 बरी: हत्या के प्रयास में वर्ष 2011 में दर्ज हुआ था मुकदमा, 7 असलहों की हुई थी बरामदगी...
विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने कैंट थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में बसपा सांसद समेत 16 आरोपितों को कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। बसपा सांसद अतुल राय को एक और मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी. विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने कैंट थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में बसपा सांसद समेत 16 आरोपितों को कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया. वहीं तीन आरोपितों की पत्रावली अलग कर दी गयी. जबकि एक आरोपित की मौत के चलते उसके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गयी. अदालत में आरोपित सांसद अतुल राय, अभिषेक उर्फ हनी, सतीश उर्फ बच्चा व शिशु उर्फ शिवकुमार की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव, बिनीत सिंह व विकास सिंह ने पक्ष रखा. वहीं अन्य आरोपितों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार तत्कालीन थानाध्यक्ष कैंट सुनील वर्मा ने 27 अगस्त 2011 को पुलिस टीम के साथ क्षेत्र में गश्त कर रहे थे. उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि कुछ बदमाश बिना नंबर की मोटरसाइकिल व जीप पर असलहों से लैस होकर सोयेपुर की तरफ से भक्ति नगर व काली मंदिर होते हुए शहर की तरफ से जघन्य घटना को अंजाम देने जा रहे हैं. सूचना पर पुलिस टीम ने काली मंदिर होते हुए भक्ति नगर तिराहे के समीप पहुंचकर पेड़ व दीवाल की आड़ लेकर घेराबंदी करते हुए बदमाशों के आने का इंतजार करने लगे. उसी दौरान सोयेपुर की तरफ से तीन मोटरसाइकिल व एक हंटर जीप पर कुछ लोग आते दिखाई दिए. पुलिस ने जब उन्हें रुकने का इशारा किया तो सभी बदमाश पुलिस टीम को जान से मारने की नीयत से अंधाधुंध फायरिंग करते हुए वहां से भागने लगे. पुलिस ने जवाबी कार्यवाही करते हुए भाग रहे बदमाशों को हासिमपुर चौराहे के पास से सात बदमाशों को धरदबोचा. पूछताछ में पकड़े गए बदमाशों ने सतीश उर्फ बच्चा यादव, शिशु उर्फ शिवा कुमार, श्याम प्रकाश सोनी, दीपक सिंह, विकास सिंह, रजनीश सिंह, रणधीर कुमार सिंह बताया। तलाशी में उनके पास से तमंचा, पिस्टल व कारतूस बरामद हुए थे।
पूछताछ में पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि वह लोग जेल में निरुद्ध शातिर बदमाश अभिषेक उर्फ हनी गैंग के सक्रिय सदस्य हैं. उसके इशारे पर ही लोगों से रंगदारी, लूटपाट, भाड़े पर हत्या करना जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं. इस समय गैंग का संचालन जेल के बाहर से कल्लू उर्फ धर्मेंद्र पाण्डेय द्वारा किया जा रहा है. हम सभी ने जिला कारागार में निरुद्ध अभिषेक उर्फ हनी, श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुंना पंडित, अतुल राय, सुजीत सिंह बेलवा, अजय उर्फ विजय से मिलकर एक सराफा व्यवसायी से लूट की योजना बनाई थी और उसे ही अंजाम देने जा रहे थे. इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने बाद में पकड़े गए आरोपितों सतीश उर्फ बच्चा यादव, शिशु उर्फ शिवा कुमार, श्याम प्रकाश सोनी, दीपक सिंह, विकास सिंह, रजनीश सिंह, रणधीर कुमार सिंह के साथ ही कल्लू उर्फ धर्मेंद्र पाण्डेय, अभिलाष पाण्डेय, सुशील सिंह, राजन पाण्डेय, गुड्डू रघुवंशी, अभिषेक सिंह उर्फ हनी, श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुंना, अतुल राय, सुजीत सिंह बेलवा व अजय उर्फ विजय सिंह को भी आरोपित बनाया था.