सूर्यग्रहण: कुछ मंदिरों के सुबह मंगला आरती तो कुछ अपराह्न के बाद होंगे कपाट बंद, जाने प्रमुख मंदिरों का पूरा शेड्यूल...

ग्रहण के सूतक के दौरान देवालय बंद कर दिए जाते है. काशी में विभिन्न मंदिर अपने नियमों के अनुसार कपाट बंद रखें जायेंगे.

सूर्यग्रहण: कुछ मंदिरों के सुबह मंगला आरती तो कुछ अपराह्न के बाद होंगे कपाट बंद, जाने प्रमुख मंदिरों का पूरा शेड्यूल...

वाराणसी, भदैनी मिरर। इस साल यानी वर्ष 2022 का सूर्यग्रहण दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर यानी आज लगेगा. इस दौरान सभी शुभ कार्य नहीं होंगे, साथ ही खान-पान की मना किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक आमवस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण का सूतक लगेगा. धर्म को मानने वाले लोग सूतक के नियमों का पालन जरूर करते हैं. भारत में यह ग्रहण 04 बजकर 22 से दिखना शुरू हो जाएगा और 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. भारत में ग्रहण का मोक्षकाल सूर्यास्त के साथ ही हो जाएगा. इस दौरान सूतक काल से ही कई मंदिर के कपाट भी बंद रहेंगे. काशी में दीपावली मानने आए लोग पूरे दिन मंदिर में दर्शन नहीं कर सकेंगे. आइए यहां जान ले कौन से मंदिर कब तक बंद रहेंगे.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के निर्णय के मुताबिक सायं 4.42 मि. स्पर्श एवं सायं 6.32 मि. पर मोक्ष होगा. यह ग्रहण गृस्तास्त है, के दृष्टिगत 25 अक्टूबर को अपराह्न 3.30 से अगले दिन 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक बाबा विश्वनाथ जी मंदिर के साथ अन्य समस्त विग्रह आम दर्शनार्थियों के लिए पूर्णरूपेण बन्द कर दिया जायेगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम में दिनांक 25 अक्टूबर की सायं से दर्शन–पूजन, व मंदिर में होने वाली सप्तर्षि आरती, श्रृंगार भोग आरती, शयन आरती नहीं होगी तथा तत्समय श्रद्धालुओं का प्रवेश भी वर्जित रहेगा. 26 अक्टूबर को प्रातः सूर्योदय के पश्चात मोक्ष पूजा/मंगला आरती के साथ मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोला जायेगा । 

संकटमोचन: श्री संकटमोचन मंदिर में   सूर्यग्रहण को देखते हुए मन्दिर का पट 25 अक्टूबर को भोर में मंगला आरती के पश्चात् बंद हो गया है. बाबा का पट 25 अक्टूबर 2022 (कार्तिक कृष्ण ) मंगलवार को सांय मोक्ष 6:32 के बाद 7 बजे खुलेगा.

बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर: सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार आकाशीय घटनाओं का भौतिक एवं आध्यात्मिक दोनों तरह का प्रभाव होता है. कार्तिक कृष्ण अमावस्या मंगलवार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण सायं 4.42 से आरम्भ हो रहा है जिसका मोक्ष सूर्यास्त के बाद होगा. श्री विश्वनाथ मन्दिर के मानित व्यवस्थापक प्रो. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री विश्वनाथ मन्दिर 25 अक्टूबर के मध्याह्न 12 बजे से अगले दिन 26 अक्टूबर प्रातः 6.02 बजे तक बन्द रहेगा. मन्दिर की साफ सफाई के उपरान्त मन्दिर को आम दर्शनार्थियों के दर्शनपूजन हेतु 26 अक्टूबर को प्रातः 7 बजे खोला जाएगा.

दुर्गाकुंड मंदिर: मंदिर के पुजारियों के मुताबिक माता का पट मंगला आरती के पश्चात बंद कर दिया गया है. जो मोक्ष के बाद सायं 7 बजे खुलेगा. इसी के मुताबिक परिसर में स्थापित अन्य मंदिर के भी पट खुलेंगे और बंद होंगे. 


बता दें, ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और इस दौरान भक्तों को मानसिक जप करना चाहिए. मन ही मन 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करते रहना चाहिए. ग्रहण खत्म हो जाने के बाद तांबे का पात्र, अन्न, लाल कपड़ा, मसूर दाल, लाल फल आदि चीजों का दान करना चाहिए.