तीसरे लहर की तैयारी: बड़े पैमाने पर शुरु होगा पीडियाट्रिक वार्ड, लक्षण-इलाज और बचाव को लेकर शुरु हुई ट्रेनिंग...

तीसरे लहर की तैयारी: बड़े पैमाने पर शुरु होगा पीडियाट्रिक वार्ड, लक्षण-इलाज और बचाव को लेकर शुरु हुई ट्रेनिंग...

वाराणसी, भदैनी मिरर। कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जनपद वाराणसी में छह दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को शुरु कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के सभागार में बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स के साथ-साथ कोविड-19 वार्ड में कार्यरत अन्य कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई।  प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह व प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी शुक्ला के द्वारा किया गया।


शासन द्वारा तीसरी लहर से निपटने की तैयारी पहले से करने के निर्देश मिले थे। जिसके बाद अस्पतालों में भी तैयारियां शुरु कर दी गई है। शुक्रवार को शुरु हुए प्रशिक्षण एसीएमओ डॉ पीपी गुप्ता और चिकित्सा अधिकारी डॉ अतुल सिंह के पर्यवेक्षण में दिया गया। जिसमें तीसरी लहर आने पर प्रभावित बच्चों को कैसे इलाज देकर बचाया जाए, उनमें लक्षण और इलाज के बारें में बताया गया। इसकी ट्रेनिंग डॉ अजय चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष बाल रोग विशेषज्ञ, यूपीटीएसयू से भावना बिष्ट एवं रजनीकान्त दुबे ने दी ।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के निर्देश के क्रम में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए एवं बच्चों के उपचार, प्रबंधन आदि के लिए पीडियाट्रिक कोविड केयर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है | यह प्रशिक्षण दो-दो बैच में छः दिन तक चलेगा जिसमें जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों के बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया । उन्होने बताया कि यह प्रशिक्षण विशेषकर एल-2 व एल-1 (प्लस) चिकित्सा इकाइयों के चिकित्सकों, स्टाफ नर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ को दिया जा रहा है।


इन्फेक्शन, प्रीवेंशन एवं कंट्रोल के बारें में दी गई जानकारी


प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी शुक्ला ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को लेकर शासन पूरी तरह से गंभीर है। इसकी तैयारी पहले से ही की जा रही है। चिकित्सालयों में बच्चों के उपचार की व्यवस्था के लिए हर मुकम्मल तैयारियां की जा रही हैं। प्रशिक्षण में ट्रेनर के द्वारा बच्चों के लक्षणों की पहचान, खतरे के चिन्हों आदि के बारे में जानकारी दी गयी। इसके साथ ही उपचार के दौरान उन्हें किस मात्रा में कौन सी दवा देनी है, के बार में विस्तार से बताया गया। वार्ड में भर्ती बच्चों के लिए लगने वाले उपकरण के प्रयोग के संबंध में जानकारी दी गई। इसके साथ ही किस उम्र के बच्चों में कितना ऑक्सीजन देना है, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई । ऑक्सीजन लेवल की जानकारी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर बच्चों में कैसे लगाना है आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इसके साथ ही इन्फेक्शन, प्रीवेंशन एवं कंट्रोल (आईपीसी) प्रोटोकॉल के बारे में भी विस्तार से बताया गया। बाल रोग विशेषज्ञ को ट्रेनिंग के माध्यम से इन बच्चों के लिए किस तरह की इलाज की जरूरत एवं सावधानियां बरतनी होगी आदि के बारे में डॉ अजय चिकित्सा अधिकारी, डॉ संतोष बाल रोग विशेषज्ञ, यूपीटीएसयू से भावना बिष्ट एवं रजनीकान्त दुबे, लखनऊ से ट्रेनिंग लेकर आए हैं और जनपद के चिकित्सा अधिकारियों एवं इससे संबंधित अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।