नशे की लत से बर्बादी: प्रेमानंद महाराज ने युवाओं को नशामुक्ति के लिए किया प्रेरित, बताया कैसे पाएं इससे छुटकारा
आजकल कम उम्र में ही युवा नशे के आदी होते जा रहे है, नशे की इस बढ़ती समस्या पर गहराई से चिंतन करते हुए, प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने युवाओं से नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए अपील की है
आजकल कम उम्र में ही युवा नशे के आदी होते जा रहे है, नशे की इस बढ़ती समस्या पर गहराई से चिंतन करते हुए, प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने युवाओं से नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए अपील की है. उन्होंने अपने सत्संग के दौरान हुए नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजकल के नौजवान नशे की गिरफ्त में फंस रहे हैं, जिससे उनका जीवन बर्बादी की ओर जा रहा है.
महाराज ने कहा कि अगर युवा स्वयं सुधारने की कोशिश करेंगे और नशे से दूर रहने का प्रयास करेंगे, तो वह इस गंभीर समस्या से निजात पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को संतों और शास्त्रों की बातें सुनने में रुचि नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे जीवन का आनंद ले रहे हैं, लेकिन यह आनंद केवल कुछ समय के लिए होता है. नशे की लत एक ऐसी बीमारी है, जो धीरे-धीरे जीवन को बर्बाद कर देती है.
उन्होंने कहा, "नशा शरीर, विचार और बुद्धि को नष्ट कर देता है. चाहे वह शराब हो या तंबाकू, इनमें ऐसे हानिकारक केमिकल होते हैं, जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं. एक डॉक्टर से बातचीत का उल्लेख करते हुए महाराज ने बताया कि मसाले के सेवन से भी कैंसर हो रहा है और लोगों के मुख में कीड़े तक पैदा हो रहे हैं। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है.
महाराज ने सभी से आग्रह किया कि वे नशे की लत को धीरे-धीरे छोड़ने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि एकदम से नशा छोड़ने का प्रयास करना असफल हो सकता है, इसलिए इसे क्रमिक रूप से कम किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि भगवान और राधा रानी के नाम और भक्ति के साथ इस बुरी लत से मुक्त हुआ जा सकता है.
उन्होंने युवाओं और विद्यार्थियों से अपील की कि वे नशे से दूरी बनाएं और एक स्वस्थ, उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ें. उनके अनुसार, समाज को व्यसन मुक्त करना समय की मांग है और इसके लिए सभी को साथ मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है.