Kolkata Rape-Murder Case: सीबीआई की जांच में अड़चन, संजय रॉय का नहीं होगा नार्को टेस्ट 

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय का नार्को टेस्ट नहीं कराया जाएगा. जांच कर रही सीबीआई को इस टेस्ट के लिए अदालत से हरी झंडी नहीं मिल पाई, क्योंकि संजय ने खुद इस टेस्ट की अनुमति देने से इनकार कर दिया

Kolkata Rape-Murder Case: सीबीआई की जांच में अड़चन, संजय रॉय का नहीं होगा नार्को टेस्ट 

Kolkata Rape-Murder Case : कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय का नार्को टेस्ट नहीं कराया जाएगा. जांच कर रही सीबीआई को इस टेस्ट के लिए अदालत से हरी झंडी नहीं मिल पाई, क्योंकि संजय ने खुद इस टेस्ट की अनुमति देने से इनकार कर दिया. सीबीआई ने सियालदह कोर्ट में आरोपी के नार्को टेस्ट के लिए याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने संजय की असहमति के बाद खारिज कर दिया।

आरोपी संजय रॉय ने टेस्ट की अनुमति नहीं दी

सीबीआई ने संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट सफलतापूर्वक कराने के बाद अब नार्को एनालिसिस टेस्ट की योजना बनाई थी. इसी क्रम में एजेंसी ने सियालदह कोर्ट से नार्को टेस्ट की अनुमति मांगी थी. शुक्रवार को आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, लेकिन उसने नार्को टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने से मना कर दिया. आरोपी की असहमति के चलते अदालत ने सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया.

नार्को टेस्ट से खुल सकता था हत्या और रेप का सच

सीबीआई का उद्देश्य नार्को टेस्ट के जरिए यह पता लगाना था कि संजय रॉय अपने बयानों में सच बोल रहा है या नहीं। नार्को एनालिसिस टेस्ट से जांच एजेंसी को आरोपी के बयानों की पुष्टि करने में मदद मिल सकती थी. सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार, नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी के शरीर में सोडियम पेंटोथल नामक दवा दी जाती है, जिससे वह सम्मोहन की स्थिति में चला जाता है और सच बोलने की अधिक संभावना रहती है। ऐसे मामलों में आरोपी आमतौर पर सटीक जानकारी देता है.

सहमति है जरूरी

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, किसी भी व्यक्ति पर नार्को एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट उसकी सहमति के बिना नहीं किया जा सकता. नार्को टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति प्राप्त करना आवश्यक होता है, जो इस मामले में नहीं मिली.