फोर्ड हॉस्पिटल के डॉ. मनीष पर यौन उत्पीड़न का आरोप कोर्ट ने किया खारिज, कहा- नहीं मिले साक्ष्य...

फोर्ड हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर मनीष कुमार सिंह ने कहा कि शहर में चिकित्सकों को ब्लैकमेल करने वालों का गैंग चल रहा है, इनसे सतर्क रहना जरूरी है. अन्यथा यह सम्मान का मटियापलित कभी भी कर सकते है.

फोर्ड हॉस्पिटल के डॉ. मनीष पर यौन उत्पीड़न का आरोप कोर्ट ने किया खारिज, कहा- नहीं मिले साक्ष्य...

वाराणसी, भदैनी मिरर। बाला जी नगर (समनेघाट) स्थित चर्चित अस्पताल फोर्ड के निदेशक डॉक्टर मनीष कुमार सिंह के ऊपर यौन उत्पीडन का आरोप लगाकर कोर्ट में दाखिल 156 (3) के प्रार्थना पत्र को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम अनुतोष कुमार शर्मा ने खारिज कर दी है. आरोप लगाने वाली महिला की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं ने तर्क रखा लेकिन साक्ष्य और थाने से मिली आख्या के आधार पर कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

तीन महीने बाद दर्ज कराई शिकायत

डॉक्टर मनीष कुमार सिंह पर एक महिला ने आरोप लगाया कि उसने अपने 15 वर्षीय पुत्री को दिखाने विगत वर्ष 14 जुलाई 2023 को फोर्ड अस्पताल ले गई. महिला ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर मनीष सिंह ने अल्ट्रासाउंड के बहाने उसके साथ शारीरिक दुराचार किया. जबकि पीड़िता की मां की ओर से 18 अक्तूबर 2023 को शिकायती प्रार्थना पत्र दी.

साक्ष्य के आभाव में प्रार्थना पत्र निरस्त

लंका थाने के दरोगा द्वारा जांचोपरांत विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट को भेजे गए आख्या और आरोप लगाने वाली महिला की ओर पुलिस कमिश्नर को भेजे गए शिकायती पत्र का कोई सुबूत डाक रसीद न दिखा पाने, और गंभीर मामले में पुलिस कंट्रोल रुम, स्थानीय पुलिस चौकी नगवां और थाना लंका में किसी भी प्रकार से शिकायत दर्ज न कराने को देखते हुए कोर्ट ने प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है.

चिकित्सकों को ब्लैकमेल करने का चल रहा गिरोह

न्यायालय द्वारा न्याय मिलने के बाद डाक्टर मनीष कुमार सिंह ने कहा कि हमको पुलिस प्रशासन और न्यायालय पर पूरा भरोसा था. उन्होंने कहा कि शहर में चिकित्सकों को ब्लैकमेल करने का पूरा एक ग्रुप चल रहा है. शासन लगातार महिलाओं को जागरूक करने और महिला सशक्तिकरण के कई योजनाएं चला रही है आज गांव की महिला भी जागरूक है. ऐसे गम्भीर मामलों में तीन महीना बाद शिकायत करना साफ तौर पर मुझे ब्लैकमेल करना था. आज के समय जिस कानून का निर्माण महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए बना आज उसी कानून का कुछ महिलाएं दुरुपयोग भी कर रही है. जिसका खामियाजा सही पीड़ित महिलाओं को भुगतना पड़ता है. 

डॉक्टर मनीष ने कहा कि मैं प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों से अपील करूंगा कि आप अपने अस्पताल में एक साल तक के सीसीटीवी फुटेज रखें. कभी भी अंजान नंबर के वीडियो कॉल न उठाए और न ही बिना रिकार्डिंग अंजान नंबर से बात करें.