BHU : आमरण अनशन पर बैठे कॉर्डियोलॉजिस्ट प्रो. ओम शंकर के समर्थन में आए विश्वविद्यालय के छात्र, निकाला आक्रोश मार्च
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदर लाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर ओम शंकर हृदय रोग विभाग में पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिनके समर्थन में आज विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक आक्रोश मार्च निकाला, जिसमें हजारों की संख्या में विद्यार्थी, प्रोफेसर और आमलोग भी शामिल हुये.
वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदर लाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर ओम शंकर हृदय रोग विभाग में पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिनके समर्थन में आज विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक आक्रोश मार्च निकाला, जिसमें हजारों की संख्या में विद्यार्थी, प्रोफेसर और आमलोग भी शामिल हुए.
बता दें मेडिकल सुप्रीटेंडेंट (MS) केके गुप्ता को पद से हटाने की मांग को लेकर शनिवार से ये आमरण अनशन शुरु हुआ है. वहीं प्रो. ओमशंकर के समर्थन में विश्वविद्यालय के छात्र केके गुप्ता के इस्तीफे की मांग कर रहे है. छात्र शुभम ने बताया कि डॉक्टर ओम शंकर जो कि पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे है, उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में 91 बेड आवंटित करने का वादा किया गया था, लेकिन उसके बाद भी केके गुप्ता जो कि चिकित्सा अधीक्षक है उन्होंने उसे बंद कर दिया है. शुभम ने कहा कि कोविड के बाद से हृदय की बीमारियां बहुत ज्यादा ही बड़ गई है हर तीन में से एक आदमी हार्ट पेशेंट है और ओम शंकर सर का कहना है कि कार्डियो पर लोड इतना ज्यादा बढ़ गया है पहले महीने में 400-500 पेशेंट आते थे आज की डेट में रोजना 400-500 मरीज आ रहे है.
शुभम ने कहा कि, आमरण अनशन पर बैठने के बावजूद ओम शंकर सर रोज 24 घंटे लगातार मरीज देख रहे हैं और सर का कहना है कि यहां पर जो बेड हॉस्पिटल में उनको अलॉट थे उसको बंद करके रखा गया है, जिससे बहुत सारे मरीजों को बेड नहीं मिला. शुभम ने कहा कि हम छात्रों की मांग है कि सबसे पहले ओम शंकर सर को वो 91 बेड अलॉट किए जाए जो उन्हें मिले थे, जिससे एक हद तक कार्डियो के मरीजों की जान बचाई जा सके. दूसरी मांग है चिकित्सा अधीक्षक केके गुप्ता इस्तीफा दे उनको उनके पद से हटाया जाए.
दरअसल, सर सुंदरलाल अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट (MS) को पद से हटाने की मांग को लेकर अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर बीते शनिवार से आमरण अनशन पर बैठे है, उनका आरोप है कि पिछले 2 सालों से ज्यादा समय से 35000 से ज्यादा हृदय रोगियों को अस्पताल में बेड खाली रहते हुए भी उनको बिस्तर नहीं मिला है. जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई है. ये बिस्तर गरीब लोगों के लिए सुपर स्पेशलिस्टी विंग में हमारे सासंद व प्रधानमंत्री ने बनवाएं थे,
ओमशंकर ने विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर ने अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट प्रो. केके गुप्ता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, लगातार 2 साल से ज्यादा समय से हमने सभी अधिकारियों को जिनकी इसमें भूमिका होनी चाहिए, न्याय दिलाने में उनसे गुहार लगाई जो कि नाकाम साबित हुई है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, इन सब के पीछे जो मूल व्यक्ति हैं वह है एक चिकित्सा अधीक्षक जो सत्यापित तौर पर ब्लड बैंक के भ्रष्टाचार के अपराधी हैं और उनको बार-बार प्रमोट करके चिकित्सा अधीक्षक फिर से बना दिया जा रहा है. इस संस्थान के अंदर जो महामना के मूल्य और आदर्श स्थापित है उन मूल्यों और आदर्शों पर स्थापित महामना के इस विश्वविद्यालय के नींव को हिलाने की कोशिश की जा रही है. इसी को बचाने के लिए हम आंदोलन कर रहे है.
बता दें कि, प्रोफेसर ओमशंकर का बीते चार दिनों में वजन पांच किलो कम हुआ है, मंगलवार को अस्पताल की एक टीम उनकी सेहत की जांच करने पहुंची थी. इस दौरान उनका वजन 88.4 किलो बताया, वहीं बीपी भी घट गया है.