वाराणसी एयरपोर्ट पर 13 फीट ऊंचे स्मारक चरखे का अनावरण, नई पीढ़ी तक महात्मा गांधी के आदर्शों को पहुंचाने की पहल

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगे स्मारक चरखे की तर्ज पर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्टेनलेस स्टील से निर्मित एक नए स्मारक चरखे का अनावरण गुरुवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया

वाराणसी एयरपोर्ट पर 13 फीट ऊंचे स्मारक चरखे का अनावरण, नई पीढ़ी तक महात्मा गांधी के आदर्शों को पहुंचाने की पहल

वाराणसी, भदैनी मिरर। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगे स्मारक चरखे की तर्ज पर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्टेनलेस स्टील से निर्मित एक नए स्मारक चरखे का अनावरण गुरुवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया. इस चरखे की ऊंचाई 13 फीट है और इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में महात्मा गांधी के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ-साथ खादी की राष्ट्रीय धरोहर के प्रति जागरूकता फैलाना है.

इस अवसर पर KVIC के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'नये भारत की नयी खादी' ने 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान' को एक नई दिशा दी है. बापू की धरोहर, चरखे के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए, देश के कई हिस्सों में स्मारक चरखों की स्थापना की गई है.

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और कनॉट प्लेस के चरखा संग्रहालय में पहले से ही स्मारक चरखे स्थापित किए गए हैं. इसी श्रृंखला में वाराणसी हवाई अड्डे पर भी एक स्मारक चरखे की स्थापना की गई है, जो काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए बहुआयामी विकास का प्रतीक है.

मनोज कुमार ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी का चरखा भारतीय स्वतंत्रता का एक प्रतीक है और स्वतंत्रता संग्राम में इसकी अहम भूमिका रही है. नई पीढ़ी को चरखे और इसके ऐतिहासिक महत्व से जोड़ने के उद्देश्य से देशभर में स्थापित किए जा रहे स्मारक चरखे महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

इस अवसर पर कुमार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने वाराणसी एयरपोर्ट परिसर में चरखे की स्थापना के लिए जगह प्रदान की. पिछले 10 वर्षों में खादी की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार ने 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जो एक नया कीर्तिमान है.

चरखा क्रांति के माध्यम से इस क्षेत्र में 10.17 लाख नए रोजगार का सृजन हुआ है. खादी के 5 लाख कारीगर, जिनमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, अपने सामर्थ्य और कौशल से खादी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं. इस अनावरण कार्यक्रम में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण वाराणसी के अधिकारी और कर्मचारी, KVIC मंडलीय कार्यालय से जुड़े खादी संस्थानों के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता, कारीगर, उत्तर प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड और KVIC के अधिकारी भी उपस्थित थे.