सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी द्वार पर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के साथ मौजूद मिलेंगे चिकित्साकर्मी, CMO ने जारी किया नई व्यवस्था के निर्देश...  

चिकित्सकीय सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विभाग हर दिन प्रयास कर रहा है. अब जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों के आपातकक्ष प्रवेशद्वार पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के साथ स्वास्थ्यकर्मी बावर्दी तैनात मिलेंगे.

सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी द्वार पर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के साथ मौजूद मिलेंगे चिकित्साकर्मी, CMO ने जारी किया नई व्यवस्था के निर्देश...   

वाराणसी, भदैनी मिरर। चिकित्सकीय सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विभाग हर दिन प्रयास कर रहा है. अब जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों के आपातकक्ष प्रवेशद्वार पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के साथ स्वास्थ्यकर्मी बावर्दी तैनात मिलेंगे. वह मरीज और चिकित्साकर्मियों के बीच एक पुल का भी काम करेंगे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने इस संदर्भ में गुरुवार को समस्त ब्लाक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षकों के साथ बैठक कर उन्हें  निर्देश दिये.

मरीज और चिकित्सकों के बीच करेंगे पुल का काम

सीएमओ डाक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू की जा रही है. इसके तहत समस्त सरकारी अस्पतालों के आपात चिकित्साकक्ष के प्रवेश द्वार पर एक स्वास्थ्यकर्मी को बावर्दी तैनात रहने के लिए कहा गया है. व्हीलचेयर, स्ट्रेचर के साथ मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वहां आने वाली मरीज और उसके परिजनों के लिए अस्पताल की ओर से एक सम्पर्क व्यक्ति के रूप में फौरन सहायता करेगा. मरीज व उसके तीमारदार से संपर्क स्थापित कर आकस्मिक कक्ष में तैनात चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ को इस बारे में सूचित कर मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा दिलवाने में मदद करेगा.

उन्होंने बताया कि समस्त सरकारी चिकित्सालयों में रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) काउन्टर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं. जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों विशिष्ट वर्ग के मरीजों जैसे गर्भवती महिलाएं तथा आयुष्मान भारत के कार्डधारकों के लिए अलग काउन्टर बनाने को कहा गया है जिससे सम्बन्धित मरीजों को सुगमता से ओपीडी पर्चा प्राप्त हो सके. उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वह वर्दी पहन कर ही ड्यूटी करें.


सीएमओ ने बताया कि जनपद के 4-5 स्वास्थ्य केन्द्रों (पी.एच.सी./सी.एच.सी. / आयुष्मान भारत वेलनेस सेन्टर इत्यादि) का अब नियमित निरीक्षण होगा. यह निरीक्षण वह खुद तो करेंगे ही उनके अलावा जनपद स्तरीय चिकित्सा अधिकारी भी किसी स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण करेंगे. स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों का तत्काल निराकरण कराने का प्रयास किया जायेगा ताकि आनेवाले जन सामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करायी जा सके. 

निरीक्षण में चिकित्सकों/ पैरामेडिकल तथा अन्य कर्मियों की उपलब्धता। समय से उपस्थिति तथा ड्यूटी रोस्टर एवं चिकित्सालय / स्वास्थ्य केन्द्रों के दीवार पर चिकित्सकों / पैरामेडिकल स्टाफ के नाम एवं मोबाईल नं0 की पेन्टिंग किया जाना.

  • औषधियों एवं ए.आर.वी. की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता. 
  • मरीजों एवं उनके तीमारदारों हेतु शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था चिकित्सा परिसर में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था मरीजों हेतु स्ट्रेचर / व्हील चेयर की उपलब्धता.
  • चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता. 
  • अंतः रोगी भर्ती की स्थिति जैसे बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.