कॉल्स पर फर्जी बम की धमकी को लेकर आईटी मंत्रालय की चेतावनी, सोशल मीडिया प्लेटफार्म से की सहायता की अपील

फर्जी बम धमकियों के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए आईटी मंत्रालय ने नई एडवाइजरी जारी की है

कॉल्स पर फर्जी बम की धमकी को लेकर आईटी मंत्रालय की चेतावनी, सोशल मीडिया प्लेटफार्म से की सहायता की अपील

फर्जी बम धमकियों के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए आईटी मंत्रालय ने नई एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इस समस्या के समाधान में सहयोग मांगा गया है. सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने एक्स, मेटा और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से इस मुद्दे पर मदद की अपील की है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को चेतावनी जारी

जानकारी के मुताबिक, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आगाह किया है कि यदि वे फर्जी बम धमकियों के मामलों में 'उचित परिश्रम' अनुपालन में विफल रहे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

सभी राज्यों में 'साइबर कमांडो' की विशेष शाखा

गृह मंत्रालय ने हाल ही में सभी राज्यों में साइबर कमांडो की विशेष शाखा बनाने का निर्देश जारी किया है. यह निर्णय भारतीय एयरलाइनों को निशाना बनाकर किए गए 100 से अधिक फर्जी बम धमकी कॉल्स के बाद लिया गया है, जिससे यात्रियों को असुविधा और एयरलाइनों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. अधिकतर खतरों के पीछे सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के वे खाते थे, जो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क और डार्क वेब ब्राउज़र के माध्यम से बने थे और जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर थे.भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इस तरह के खतरों से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता बताई है.

प्रधानमंत्री मोदी की विशेष विंग की सिफारिश

जनवरी 2023 और 2024 में आयोजित डीजीपी और आईजीपी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष साइबर विंग की स्थापना का सुझाव दिया था. गृह मंत्रालय अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो की भर्ती की योजना बना रहा है, जो राज्यों के पुलिस संगठनों का हिस्सा होंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देंगे. इन कमांडो का चयन राज्य और केंद्र स्तर पर पुलिस कर्मियों में से किया जाएगा, जिनके पास कंप्यूटर नेटवर्क और ऑपरेटिंग सिस्टम का ज्ञान होगा. इन कमांडो को डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और आईसीटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित करने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे प्रभावी ढंग से साइबर खतरों का मुकाबला कर सकें.