पुत्री से दुष्कर्म करने के प्रयास और पॉक्सो के मामले में पिता दोषमुक्त...

विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) द्वितीय ने खुद की पुत्री के साथ दुष्कर्म के प्रयास और पॉक्सो के मामले में दोषमुक्त कर दिया है.

पुत्री से दुष्कर्म करने के प्रयास और पॉक्सो के मामले में पिता दोषमुक्त...

वाराणसी, भदैनी मिरर। अपनी ही पुत्री से दुष्कर्म करने की कोशिश एवं छेड़खानी करने के मामले में आरोपी को कोर्ट से राहत मिल गयी. विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने आरोपित पिता पर लगे अपराध के आरोप संदेह से परे साबित नहीं होने पर दोषमुक्त कर दिया. 

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के अवलोकन से स्पष्ट है कि पीड़िता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से अभियुक्त के विरूद्ध लगा लैंगिक हमले का आरोप किसी भी प्रकार से साबित नहीं है व अभियोजन साक्षीगण की साक्ष्य से भी कथित अपराध के आधारभूत तथ्य साबित नहीं होते है. विचारण के दौरान अंकित साक्ष्य से ऐसे आधारभूत तथ्यों को अभियोजन पक्ष साबित नहीं कर सका है, जिसके आधार पर अभियुक्त द्वारा लैंगिक हमला कारित किये जाने की उपधारणा की जा सके. 

अदालत ने कहा कि जहा तक धारा 164 के बयान के आधार पर विशेष लोक अभियोजन का तर्क है, न्यायालय उक्त तर्क से सहमत नही है. उच्चतम न्यायालय ने जार्ज व अन्य बनाम स्टेट आफ केरला व अन्य 1998 (36) एसीसी 739 एससी की विधि व्यवस्था में यह स्पष्ट प्रतिपादित किया है कि धारा 164 के अंतर्गत अंकित बयान को मौलिक (स्वतंत्र अथवा सारगर्भित) साक्ष्य के रूप में नही माना जा सकता. उच्चतम न्यायालय की उपरोक्त विधि व्यवस्था में पारित सिद्धांतों के आलोक में मात्र 164 के बयानों के आधार पर अभियुक्त को दोषमुक्त करना अथवा अभियुक्त द्वारा अपराध कारित किए जाने की उपधारणा करना उचित व विधि सम्मत नही है. वही अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त पर लगे आरोप के समर्थन में कुल सात मौखिक साक्षीगण के साक्ष्य को एवं कुल नौ अभिलेखीय साक्ष्यों को साबित कराया था. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राकेश तिवारी व प्रदीप कुमार सिंह ने पक्ष रखा.

अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. आरोप लगाया है कि 24 अप्रैल 2017 को उसके पिता ने उसके साथ गलत काम किये. वह अपने मां के बगल में सोई थी और दूसरी तरफ उसके पिता सोए थे. वह वहां पर इसलिए सोई थी क्योंकि उसके बड़े पापा के बेटे घर पर आये थे और जगह की कमी थी. वह चौकी पर सोया था उसके साथ छोटे भाई-बहन भी सोए थे, बाकी हम तीनों नीचे जमीन पर सोए थे, बीच रात में वह दर्द के कारण उठी क्योंकि उसके पिता ने जोर से उसका स्तन पकड़ा हुआ था. उनका एक पर पीड़िता के दोनों पैरों के बीच था. उसने तुरंत अपनी मां को सब कुछ बताया. मां ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. ऐसी घटना उसके साथ लगभग डेढ़ साल पहले भी हुई थी, पिता के द्वारा उसने पुलिस में एफआईआई भी किया था. पुलिस ने उस समय उसके पिता को डाटा था. जब 24 अप्रैल 2017 को पिता ने दोबारा पुत्री के साथ यौनिक हिंसा करने की कोशिश की तो उसने उनके पैर पर मारा और उनके हाथ पर नोचने की कोशिश की ताकि वह अपना हाथ हटा ले, फिर उसके पिता नाटक करने लगे जैसे वह नींद में हो, पीड़िता रात भर रोती रही और अगली सुबह वह जीवन स्कूल आ गई जहां पर पहले पढ़ती थी.