भदोही में रिश्तेदार के घर पति ने पत्नी की हत्या कर रेत लिया हंसुआ से खुद का गला, मौके पर पुलिस...
1. भदोही में रिश्तेदार के घर पति ने पत्नी की हत्या कर रेत लिया हंसुआ से खुद का गला, मौके पर पुलिस ने साक्ष्य इकट्ठा किया. 2. परिवार वालों से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा के लिए दायर याचिका हाईकोर्ट ने इसलिए खारिज कर दिया कि मुस्लिम महिला शादीशुदा होने के बाद भी अपने प्रेमी के साथ लिव-इन में रह रही है.
लखनऊ, भदैनी मिरर। दस्युपुर डीघ गांव (भदोही) में अपने रिश्तेदार के घर पति ने पत्नी के गले पर हंसुआ से वार कर हत्या कर दी. उनके बाद खुद के गले पर हंसुआ से वार कर आत्महत्या कर ली. वारदात की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया. कोईरौना थाने के पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची.
जानकारी के अनुसार राजेश निषाद (उम्र 32 वर्ष) प्रयागराज के डिघिया मांडा गांव के रहने वाले थे. दो साल पहले उनकी शादी प्रयागराज के परवा मदरापुर की रहने वाली सन्नो देवी (26 वर्ष) के साथ हुई थी. शादी के बाद आजीविका के सिलसिले में राजेश निषाद अपनी पत्नी के साथ गोवा चले गए थे. दोनों वहीं रह रहे थे। इस बीच दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ. इससे नाराज होकर चार दिन पहले सन्नो देवी अपने मायके पहुंच गई. वहां से वह अपने बहन के घर दस्युपुर चली गई. अगले दिन राजेश भी पत्नी को खोजते-खोजते वहां पहुंच गए.
यहां शुक्रवार की रात पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ. सन्नो की बहन सुधा ने बीच बचाव किया तो मामला किसी तरह शांत हो गया. दस्युपुर में सुधा अपने बच्चों के साथ रहती हैं. उनके पति और ससुर बाहर रहते हैं. बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह पति-पत्नी एक बार फिर आपस में झगड़ा करने लगे. दोनों के बीच झगड़ा हद से अधिक बढ़ गया. इसी दौरान गुस्से में आकर पति राजेश ने पत्नी सन्नों के गले पर हसुआ से वार कर दिया. सन्नो की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद राजेश ने अपने गले पर भी वार कर आत्महत्या कर ली. पति और पत्नी की इस तरह दर्दनाक मौत से गांव में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को भी बुला लिया. फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इक्ट्ठा किए.
हराम है शादीशुदा मुस्लिम महिला का लिव-इन में रहना: याचिका खारिज करते हुए HC की टिप्पणी
लखनऊ, भदैनी मिरर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव- इन-रिलेशनशिप में रह रही मुस्लिम महिला की दायर याचिका को खारिज कर दिया है. महिला के जान को खतरा बताते हुए कोर्ट में याचिका डाली थी. हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि मुस्लिम लॉ के मुताबिक मुस्लिम महिला किसी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकती है. लिवइन को इस्लाम में हराम बताया गया है.
यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की एक महिला लिव इन रिलेशनशिप में अपने प्रेमी की साथ रह रही है. महिला पहले से शादीशुदा है. इसके बाबजूद वह इस समय लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है. इस लिव इन रिलेशनशिप से परिवार में नाराजगी है. परिवार वाले के डर की वजह से महिला ने जान का खतरा जताते हुए हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में सभी तथ्यों को समझने के बाद याचिकाकर्ता को सिक्योरिटी देने से इंकार कर दिया.
न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की पीठ ने एक विवाहित मुस्लिम महिला और उसके हिंदू लिव-इन पार्टनर द्वारा अपने पिता और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ अपनी जान को खतरा होने की आशंका से दायर सुरक्षा याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही. न्यायालय ने कहा कि महिला के 'आपराधिक कृत्य' को न्यायालय द्वारा समर्थन और संरक्षण नहीं दिया जा सकता.