4 तस्करों को STF ने किया गिरफ्तार, शक्तिवर्धक दवाएं बनाने को 126 कछुआ ले जा रहे थे पश्चिम बंगाल. .
STF arrested 4 smugglers 126 tortoises were being taken to West Bengal to make powerful medicines4 तस्करों को STF ने किया गिरफ्तार, शक्तिवर्धक दवाएं बनाने को 126 कछुआ ले जा रहे थे पश्चिम बंगाल. .
वाराणसी, भदैनी मिरर। शक्तिवर्धक दवाएं बनाने के लिए कछुओं की तस्करी करने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को UP-STF ने कैंट रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। चारों के पास से 126 कछुए, 5 मोबाइल और 3940 रुपए बरामद हुए हैं। UP-STF की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वांचल में संकटग्रस्त संरक्षित वन्य जीवों की तस्करी करने वाला गैंग सक्रिय है। जिसकी सूचना पर वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) की मदद से यह पता चला कि कछुओं की तस्करी करने वाला गिरोह वाराणसी और आसपास के जिलों में सक्रिय है।
बुधवार को मुखबिर द्वारा मिली सूचना के आधार पर तस्कर
कैंट रेलवे स्टेशन के पास मौजूद जौनपुर के मछलीशहर थाना के मुस्तफाबाद के असलम खान उर्फ जुम्मन, पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के शक्तिगढ़ के गोपाल सरकार और चंडीगढ़ की बापूधाम कॉलोनी के राजू व बाबूलाल को गिरफ्तार कर लिया गया। चारों आरोपियों को आगे की कार्रवाई के लिए वन विभाग को सौंप दिया गया है।
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि असलम द्वारा ही पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों से कछुए एकत्रित किए जाते हैं। इसके बाद वह कछुओं को तस्करी करने वाले गिरोह को सौंप देता है। गिरोह के सदस्य कछुओं को पश्चिम बंगाल ले जाकर ऊंची कीमत पर बेच देते हैं। असलम अब तक 10-15 बार कछुआ बेच चुका है। STF के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि देश में कछुओं की पाई जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 उत्तर प्रदेश में पाई जाती हैं। उनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है।
यह अवैध व्यापार जीवित कछुए के मांस अथवा पालने (AS PET) अथवा कछुएं की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवा के लिए किया जाता है। कछुओं की त्वचा को मुलायम कवच (SOFT SHELL) और कठोर कवच (SOFT SHELL) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। उत्तर प्रदेश में यमुना, गंगा, गोमती, घाघरा, गंडक सहित प्रमुख नदियों, उनकी सहायक नदियों और तालाबों में संरक्षित प्रजाति के कछुए बहुतायत में पाए जाते हैं।