ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण: कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 361 पन्नों के साथ दी दलील, मंगलवार को भी जारी रहेगी सुनवाई...

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई दो दिन के बाद सोमवार को दोपहर बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई. करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को पुनः सुनवाई होगी.

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण: कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 361 पन्नों के साथ दी दलील, मंगलवार को भी जारी रहेगी सुनवाई...

वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई दो दिन के बाद सोमवार को दोपहर बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई. करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को पुनः सुनवाई होगी. इस दौरान हिंदू पक्ष की वादी राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौड ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 100 जजमेंट के साथ 361 पन्ने कोर्ट में पेश किए. कहा की 1993 तक वहां पूजा होती रही तो आखिर अब क्यों नहीं? 

1993 में सरकार ने अचानक रोक दिया दर्शन

उन्होंने कहा कि देश की आजादी के दिन से लेकर वर्ष 1993 तक मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा होती थी. वहां का धार्मिक स्वरूप सनातन धर्म का ही था. वर्ष 1993 में सरकार ने अचानक बैरकेडिंग लगा कर नियमित दर्शन और पूजा बंद कराई. इसलिए प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट या किसी अन्य एक्ट के प्रावधान मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में लागू नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा ज्ञानवापी की किसी जमीन पर कोई दावा नहीं है. हमारा दावा सिर्फ मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन और पूजा के लिए है. अदालत ने शिवम गौड़ को बहस जारी रखने की अनुमति देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 19 जुलाई नियत कर दी है.

इससे पहले मुस्लिम पक्ष यह दावा कर चुका है कि मां श्रृंगार गौरी का मुकदमा किसी भी तरह से सुनवाई योग्य नहीं है. वहीं, हिंदू पक्ष की चार वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक के अधिवक्ता यह दावा कर चुके हैं कि मुकदमा हर हाल में सुनवाई योग्य है.