पुलिस मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अपराधी डॉक्टर उर्फ गिरधारी, ढ़ेर

जरायम की दुनिया में लखटकिया ईमानी गिरधारी दुर्दांत था। बनारस से लेकर राजधानी लखनऊ तक वह बड़े-बड़े अपराधों में शामिल रहा। वर्ष 2019 में नितेश सिंह हत्याकांड में नाम आया तो पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी। माना जाता है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से वह पुलिस से बचता रहा। लेकिन बुरे कर्म का अंत भी बुरा होता है वह हाजिर कर दिया। अजीत सिंह हत्याकांड में लखनऊ पुलिस असलहा बरामद करने की कोशिश कर रही थी कि वह हिरासत से भागने की कोशिश करने लगा जिसके बाद पुलिस ने उसकी कहानी समाप्त कर दी।

पुलिस मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अपराधी डॉक्टर उर्फ गिरधारी, ढ़ेर

वाराणसी में नितेश सिंह हत्याकांड और लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड में था शामिल, एक लाख का था इनाम

वाराणसी, लखनऊ/ भदैनी मिरर। पूर्व ब्लॉक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की देश की राजधानी लखनऊ में 6 जनवरी को सरेआम हत्या के साथ ही वाराणसी के सारनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर नितेश सिंह उर्फ बबलू की तहसील सदर में दिनदहाड़े गोली मारकर विगत 30 सितंबर 2019 को हत्या करने वाला एक लाख का इनामी गिरधारी उर्फ डॉक्टर को लखनऊ पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। वह विभूति खंड में पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद मुठभेड़ हुई।


पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पुलिस पर भी गोली चलाई। सहारा अस्पताल के पास उसने भागने का प्रयास किया जिसमें मारा गया। पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान सुबह करीब 3 बजे विभूति खंड पुलिस अजीत सिंह की हत्या में इस्तेमाल असलहे को बरामद करने के लिए गिरधारी को विभूति खंड के खरगापुर इलाके की तरफ ले जा रही थी। खरगापुर रेलवे क्रॉसिंग के पास पुलिस टीम गाड़ी से उतर ही रही थी कि मजबूत शरीर के गिरधारी ने सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी की नाक पर अपने सिर से ज़ोरदार टक्कर मारी जिससे एसआई अख़्तर जमीन पर गिर गए और गिरधारी उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा।

पुलिस हिरासत के दौरान अचानक हुई इस घटना से पुलिस टीम सकते में आ गई। पुलिस टीम में शामिल सीनियर सब इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने अपनी टीम के साथ गिरधारी का पीछा किया तो गिरधारी पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए झाड़ियों की तरफ भागा। इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस बल मंगाया गया और गिरधारी की घेराबंदी की गई। पुलिस ने झाड़ियों में छिपे गिरधारी को सरेंडर करने को कहा तो जवाब में गिरधारी ने गोलियां चला दी। पुलिस के मुताबिक जवाबी कार्रवाई में चलाई गई गोली गिरधारी को लग गई, जिससे वो चिल्लाता हुआ मौके पर गिर गया। पुलिस टीम उसके करीब गई तो उसकी सांसें चल रही थी। पुलिस टीम घायल गिरधारी को लोहिया अस्पताल ले गई जहां पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

तीन दिन के पुलिस रिमांड पर था गिरधारी

 


दिल्ली में गिरफ्तार होने के बाद गिरधारी उर्फ डॉक्टर को लखनऊ पुलिस तिहाड़ से लेकर लखनऊ आई थी। अजीत सिंह हत्याकांड में इस्तेमाल असलहा व स्कूटी बरामद करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में 10 दिन  की कस्टडी रिमांड अर्जी डाली। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी पर तीन दिन की रिमांड मंजूर किया था। शनिवार 13 फरवरी की सुबह 11 बजे से लेकर रिमांड 16 फरवरी को 11 बजे तक थी। इस दौरान साथ ही रेकी का रूट व धन के बारे में जानकारी जुटा रही थी।


पुलिस को बरामद करवाया था मोबाइल

अजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर से रिमांड के दूसरे दिन यानी 14 फरवरी को भी पूछताछ की गई थी। इस दौरान उसने वारदात में प्रयुक्त मोबाइल अलकनंदा अपार्टमेंट से अंकुर के किराए के फ्लैट से मोबाइल पुलिस को बरामद कराए। गिरधारी के मोबाइल में फरार शूटरों के मोबाइल नंबर भी मिले थे। इसके आधार पर पुलिस उनके पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस ने मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।