नवनीता कुंअर पब्लिक स्कूल में मनाया गया मदर्स डे, छात्रों ने दी मनमोहक प्रस्तुति...

नवनीता कुंअर पब्लिक स्कूल सुसुवाही में मदर्स डे के अवसर पर कार्यक्रम "ममता की छांव" आयोजित किया गया.

नवनीता कुंअर पब्लिक स्कूल में मनाया गया मदर्स डे, छात्रों ने दी मनमोहक प्रस्तुति...

वाराणसी। नवनीता कुंअर पब्लिक स्कूल सुसुवाही में मदर्स डे के अवसर पर कार्यक्रम "ममता की छांव" आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मंजू द्विवेदी (महिला  समन्वयक, काशी प्रांत सह प्रोफेसर पंडित दीनदयाल शोधपीठ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु) तथा विद्यालय प्रबंधन समिति परिवार की महिला विभूतियां शैक्षिक प्रमुख सपना राय, आराधना राय, रेनु राय और श्रद्धा राय ने किया. सबसे पहले मां सरस्वती के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा पुष्प अर्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. कार्यक्रम में उपस्थित सभी का स्वागत अंजू सिंह ने अपने स्वागत संबोधन से किया.

इस अवसर में विद्यालय के बच्चों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया कार्यक्रम में श्रुति, वंशिका, वैष्णवी, एग्रीय, शगुन, दिव्यांशी, रितिका, गर्विक, अस्मिता, प्राची और अदिति ने सुंदर प्रस्तुतियां दी. अनुभव राय और वैभव ने इस अवसर पर मां के महत्व पर अपने-अपने विचारों को भाषण के माध्यम से सबके समक्ष रखा.

साथ ही आराध्या, श्रेया और वंशिका ने कविता प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया. इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं की माताएं भी उपस्थित थी. विद्यालय परिवार ने उन सभी का स्वागत किया. कार्यक्रम में उनसे भी मनोरंजन खेल करवाया तथा उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि मंजू द्विवेदी ने इस अवसर पर जीवन में मां के महत्व तथा समाज विकास में उनकी भागीदारी विषय पर अपने बहुमूल्य विचारों को अवलोकित किया तथा बच्चों के भावपूर्ण प्रदर्शन की प्रशंसा की. यह वर्ष में पहला अवसर होता है जब विद्यालय प्रबंधन समिति परिवार की महिलाओं विभूतियां भी विद्यालय में उपस्थिति रहती हैं. उन सभी ने बच्चों का उत्साह वर्धन किया तथा कार्यक्रम की प्रशंसा की. रेनु राय ने मुख्य अतिथि को अपना बहुमूल्य समय देने तथा कार्यक्रम में उपस्थित होने का आभार प्रकट किया तथा विद्यालय परिवार की तरफ से उन्हें अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देखकर सम्मानित किया. कार्यक्रम का समापन अर्चना रजत के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय की सभी महिला शिक्षिकाओं का योगदान रहा.