फिल्म 'महाराज' का काशी के धर्माचार्यों ने किया विरोध, बैन करने की मांग को लेकर PM संसदीय कार्यालय पर दिया ज्ञापन
ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हो रही फिल्म महाराज से काशी के धर्माचार्यों में आक्रोश व्यापत हो गया है. सभी ने इस फिल्म को सनातन धर्म की गुरु-शिष्य परंपरा को कुठाराघात पहुंचाने का षड्यंत्र बताया है. धर्माचार्यों ने इस फिल्म के प्रसारण पर अविलंब रोक लगाने और धर्म पर विचार करने के लिए एक अलग से धार्मिक सेंसर बोर्ड बनाये जाने की मांग की है. इसी क्रम में आज बुधवार को गोपाल मंदिर के प्रांगण में षष्ठपीठाधीश्वर श्रीश्याम मनोहर महाराज के नेतृत्व में शहर के विभिन्न समाज के पदाधिकारियों ने विरोध किया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हो रही फिल्म महाराज से काशी के धर्माचार्यों में आक्रोश व्यापत हो गया है. सभी ने इस फिल्म को सनातन धर्म की गुरु-शिष्य परंपरा को कुठाराघात पहुंचाने का षड्यंत्र बताया है. धर्माचार्यों ने इस फिल्म के प्रसारण पर अविलंब रोक लगाने और धर्म पर विचार करने के लिए एक अलग से धार्मिक सेंसर बोर्ड बनाये जाने की मांग की है. इसी क्रम में आज बुधवार को गोपाल मंदिर के प्रांगण में षष्ठपीठाधीश्वर श्रीश्याम मनोहर महाराज के नेतृत्व में शहर के विभिन्न समाज के पदाधिकारियों ने विरोध किया.
बुधवार की दोपहर दर्जनों की संख्या में सड़कों पर उतर के धमाचार्यों के साथ काशीवासियों ने इस फ़िल्म का विरोध किया. हाथों में फिल्म का बैनर लिए, जिसपर इसे बैन करने के स्लोगन लिखे चल रहे थे. उन्होंने फिल्म में धर्म गुरुओं को खलनायक के रूप में दिखाने का आरोप लगाया हैं. इसको लेकर पीएम संसदीय कार्यालय पर पहुंचकर ज्ञापन भी दिया.
षष्ठ पीठाधीश्वर गोपाल मंदिर के महाराज श्री श्याम मनोहर ने कहा कि हमारे सनातन धर्म के विरोध में यह फिल्म रिलीज हुई है. उसे फिल्म के विरोध के लिए हमें आज कार्यालय आना हुआ है. उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्म को देखकर हमारे युवा बिगड़ रहे हैं और वह सनातन विरोध की ओर जा रहे हैं.