PM मोदी का नया मंत्र  ‘जहां बीमार वहीं उपचार’, फ्रंटलाइन वर्कर्स चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफों का किया उत्साह वर्धन...

PM मोदी का नया मंत्र  ‘जहां बीमार वहीं उपचार’, फ्रंटलाइन वर्कर्स चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफों का किया उत्साह वर्धन...


वाराणसी/भदैनी मिरर। विश्व भर में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वाराणसी में किए गए प्रयासों की सराहना कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यानी आज इस सफलता की कहानी से रूबरू हुए। इस दौरान कोरोना योद्धा भी पीएम के समक्ष अपने अनुभव भी साझा की । इसके साथ ही प्रधानमंत्री डेढ़ महीने में 40 फीसदी संक्रमण दर को तीन फीसदी पर लाने वाले चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का उत्साह भी बढ़ाया।

वहीं कमिश्नरी सभागार में प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि तीसरी लहर की आशंका व उसकी तैयारियों की भी जानकारी पीएम को दी । उधर, कोरोना के दूसरी लहर के उतार चढ़ाव की पूरी कहानी तीन मिनट के वीडियो के जरिए प्रशासन पीएम को दिखाया।

बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह वर्चुअल माध्यम से कोविड-19 के संक्रमण का हाल और तीसरी लहर की तैयारियों की जानकारी ली। इस दौरान बीएचयू, डीआरडीओ, दीनदयाल राजकीय जिला अस्पताल, ईएसआईसी सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों से कोरोना संक्रमण की जानकारी भी ली। इसमें पीएम चिकित्सकों की भूमिका और संकट काल के उनके अनुभवों को साझा किया।  दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर की जबरदस्त चपेट में आए वाराणसी ने डेढ़ महीने में स्थिति को संभाल लिया है। 40 फीसदी तक पहुंचा संक्रमण दर अब पिछले तीन दिनों से तीन फीसदी पर पहुंच गया है। एक अप्रैल से संक्रमण दर बढ़ने का सिलसिला अब थमने लगा है। मगर, अप्रैल के दूसरे और तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण की दर 40 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई।

 डॉक्टरों से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि हमने इस महामारी में कई अपनों को खोया है, मेरी उन सभी को श्रद्धांजलि। आप लोगों की तपस्या ने जिस तरह बनारस को संभाला है, उसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमारा नया मंत्र है ‘जहां बीमार वहीं उपचार’। इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह आप शहर और गांवों में घर-घर दवाएं बांट रहे हैं, ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके उतना व्यापक करना है।

पीएम ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में कई मोर्चों पर एक साथ लडना पड़ रहा है। इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना जादा है। मरीजों को कई दिनों तक अस्‍पताल में रहना पड़ रहा है। बनारस वैसे भी काशी के लिए ही नहीं पूर्वांचल के स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का केंद्र है। बिहार के लोग भी काशी पर डिपेंड हैं। ऐसे में यहां के लिए कोरोना चुनौती बनकर आया है। यहां के हेल्‍थ सिस्‍टम पर सात सालों में जो काम हुआ उसने हमारा बहुत साथ दिया। फ‍िर भी यह असाधारण हालात रहे। इस दबाव को संभालना संभव रहा। एक एक के लिए दिन रात काम किया। खुद की तकलीफ से ऊपर उठकर जी जान से काम करते रहे। आपकी तपस्‍या से बनारस ने जिस तरह कम समय में खुद को संभाला है। आज पूरे देश में उसकी चर्चा हो रही है। इस दौर में जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों और सुरक्षा बलों ने भी लगातार काम किया। आक्‍सीजन के लिए प्‍लांट लगाए।


थमने लगी संक्रमण की रफ्तार


अप्रैल के पहले सप्ताह से वाराणसी में शुरू हुई दूसरी लहर दूसरे और तीसरे सप्ताह में पीक पर पहुंच गई थी। इस बीच वाराणसी में अस्पतालों में बेड व आक्सीजन की दिक्कत होने के कारण ज्यादा से ज्यादा मरीजों की मौत हो रही थी। लेकिन प्रशासन ने अस्पतालों की व्यवस्था को सुधारते हुए संक्रमण की रफ्तार थामी। साथ ही व्यापारियों की पहल शुरु हुए आंशिक लाकडाउन, प्रशासनिक समन्वय और संसाधनों को जुटाने की प्राथमिकता ने कोरोना संक्रमा की रफ्तार को थाम दिया। पीएम इस पूरी कवायद पर भी प्रशासनिक अधिकारियों से बात भी की।

इतने योद्धाओं से पीएम मोदी किया संवाद...

प्रधानमंत्री के संवाद को लेकर बीएचयू, दीनदयाल अस्पताल, ईएसआईसी, मंडलीय अस्पताल, डीआरडीओ समेत अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के करीब 100 लोगों ने पीएम से सीधा संवाद कर अपना अनुभव साझा किया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को सुबह 11 बजे ऑनलाइन संवाद के माध्यम से कोरोना योद्धाओं का उत्साह बढ़ाया ।