आचार संहिता के उल्लंघन में MLC आशुतोष सिन्हा को नोटिस जारी, एमएलसी बोलें- मैं कानून का रक्षक हूं...

Notice issued to MLC Ashutosh Sinha in violation of model code of conduct, MLC say - I am the keeper of the law. कलेक्ट्रेट परिसर में सपा का प्रचार करने के दौरान आदर्श आचार संहिता के आरोप में नोटिस जारी किया है।

आचार संहिता के उल्लंघन में MLC आशुतोष सिन्हा को नोटिस जारी, एमएलसी बोलें- मैं कानून का रक्षक हूं...

वाराणसी,भदैनी मिरर। सदस्य विधान परिषद (MLC) आशुतोष सिन्हा को व्हाट्सएप पर प्राप्त शिकायत के आधार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी किया गया है। 388 वाराणसी उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर/अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) ने नोटिस में पूछा है कि 24 जनवरी को समय लगभग 3 बजे अपराह्न कलेक्ट्रेट के शासकीय कार्यालय परिसर में समाजवादी पार्टी का प्रचार किया गया तथा मुद्रित प्रचार सामग्री/पैम्पलेट वितरित किये गये। प्राप्त शिकायत के आधार पर नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि शासकीय कार्यालय परिसर में, शासकीय कार्य अवधि के दौरान किसी भी राजनैतिक दल के प्रचार हेतु वांछित अनुमति आपके द्वारा प्राप्त की गयी है अथवा नहीं? उक्त प्रचार के दौरान उनके द्वारा प्रयुक्त साईकिलों में से एक साईकिल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की फोटो लगी हुई थी जो कि आदर्श आचार संहिता में विहित दो पहिया वाहन हेतु अनुमन्य प्रचार सामग्री से आच्छादित नहीं है।  प्रचार के दौरान प्रचार सामग्री/पैम्पलेट कलेक्ट्रेट परिसर में वितरित किये जाने की कार्यवाही की गयी है।  प्रचार सामग्री पैम्पलेट पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम पता अंकित नहीं पाया गया, जो कि आदर्श आचार संहिता लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा- 127 (क) के उल्लंघन की परिधि में आता है। उन्होंने नोटिस जारी करते हुए 48 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है। जबाब न मिलने की स्थिति में यह मानते हुए की इस संबंध में उन्हें कुछ नहीं कहना हैं प्रकरण को निर्वाचन आयोग को संज्ञानित करते हुए विधिक कार्यवाही की जाएगी।

कानून का हमें भी है ज्ञान

'भदैनी मिरर' से बातचीत के दौरान एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा है कि हमें अभी किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं मिला है। मैं एक अधिवक्ता भी हूँ और कानून का जानकार भी। कानून की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है। अफ़सर पहले यह बताये की हमने 6 साइकिल से प्रचार किया, लेकिन कोतवाली और लंका में बीजेपी के लोगों ने भीड़ इकट्ठा कर प्रचार किया तो अफसरों ने क्या किया? कानून सबके लिए एक बराबर होना चाहिए।