वक्फ बोर्ड को लेकर असदुद्दीन ओवैसी का बीजेपी पर तीखा हमला, लगाया यह बड़ा आरोप
AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक निजी संपत्ति है, लेकिन भाजपा इसे सरकार की संपत्ति की तरह प्रस्तुत कर रही है.
AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक निजी संपत्ति है, लेकिन भाजपा इसे सरकार की संपत्ति की तरह प्रस्तुत कर रही है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की साजिश कर रही है.
कानूनी प्रावधानों का उल्लेख करते हुए, ओवैसी ने बताया कि वक्फ अधिनियम 1995 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' की अवधारणा पर आधारित है. यह अनिवार्य करता है कि यदि कोई स्थान प्रार्थना, अनाथालय या कब्रिस्तान के रूप में कार्य करता है, तो वह वक्फ संपत्ति बन जाती है, जिसे सरकार समाप्त करने की योजना बना रही है.
हिंदू धर्म में भी हैं वक्फ जैसी व्यवस्थाएं
ओवैसी ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म में भी कई प्रकार के बंदोबस्ती बोर्ड मौजूद हैं, जहां उपयोग के आधार पर स्थान धार्मिक बन जाते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत 1,21,000 संपत्तियों में से 1,12,000 संपत्तियां उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ की गई हैं। ओवैसी ने सवाल किया कि जब उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ समाप्त होगा, तो सरकार कौन सा कानून लागू करेगी?
उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि केवल पांच साल तक प्रैक्टिस करने वाला मुस्लिम वक्फ बोर्ड को दान दे सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि "प्रैक्टिस करने वाले मुस्लिम" से क्या अभिप्राय है.
ओवैसी के सवालों की बाढ़
ओवैसी ने सरकार से प्रश्न किया कि क्या इसका मतलब है कि एक व्यक्ति को दिन में पांच बार नमाज पढ़ना, दाढ़ी रखना, टोपी पहनना, या गैर-मुस्लिम पत्नी न रखने की आवश्यकता है? उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के अनुयायियों पर ऐसा कोई कानून नहीं है, जहां कोई भी बिना किसी कानूनी प्रतिबंध के दान कर सके। उन्होंने सरकार से पूछा कि 'प्रैक्टिस करने वाले मुस्लिम' की परिभाषा क्यों बनाई गई? क्या नरेंद्र मोदी अब हमारे घरों में झांकेंगे, या फिर पांच साल बाद यह कहेंगे कि अब आप मुसलमान हैं और आपको प्रमाण पत्र लेना होगा?
कलेक्टर की भूमिका पर सवाल
ओवैसी ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म के अनुयायियों पर इस तरह का कानून लागू नहीं होता, जहां कोई भी बिना किसी कानूनी प्रतिबंध के दान कर सके. उन्होंने विधेयक में यह भी लिखा हुआ बताया कि वक्फ संपत्ति के मामलों का फैसला जिला कलेक्टर करेगा, जो स्वयं सरकार का हिस्सा है। उन्होंने पूछा कि ऐसे में कलेक्टर वक्फ के किसी भी मामले का न्यायाधीश कैसे हो सकते हैं.