वाराणसी। डीएम एस. राजलिंगम, कमिश्नर मोहित अग्रवाल और अपर पुलिस कमिश्नर डॉ. एस. चनप्पा गुरुवार को गोदौलिया चौराहा, मंदिर कॉरिडोर और रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दर्शन के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं।
गिरजाघर चौराहे के पास सड़क किनारे सामान बेच रहे रेहड़ी-पटरी और ठेला संचालकों को अधिकारियों ने सख्त चेतावनी दी कि यदि दोबारा दुकानें लगाई गईं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दशाश्वमेध घाट पर नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई के निर्देश
डीएम ने दशाश्वमेध घाट का भी दौरा किया और नाव संचालन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने नाव में सवार यात्रियों को निर्देश दिया कि यदि कोई नाव चालक अतिरिक्त किराया वसूलता है या बिना लाइफ जैकेट के सवारी बैठाता है, तो उसकी शिकायत नजदीकी पुलिस चौकी में करें। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद एनडीआरएफ की मोटरबोट से ललिता घाट पहुंचे और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा।
स्टेशन पर पार्किंग अव्यवस्था पर निर्देश
रेलवे स्टेशन निरीक्षण के दौरान स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता ने ट्रेनों के संचालन, ठहराव और यात्रियों की सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्टेशन के बाहर अव्यवस्थित रूप से खड़ी गाड़ियों को हटवाने का अनुरोध किया, जिस पर डीएम ने यातायात पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
वहीं हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने का सीएमओ को निर्देश भी है।
महाकुंभ श्रद्धालुओं से वसूला जा रहा अतिरिक्त किराया
वाराणसी में महाकुंभ के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है। रथयात्रा चौराहे से डाफी और नारायणपुर चौराहा तक के सफर के लिए 800 से 1000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने के कारण देशभर से आए श्रद्धालु अधिक किराया देने को मजबूर हैं। बृहस्पतिवार को लंका और दुर्गाकुंड से रथयात्रा तक जाने के लिए श्रद्धालुओं से 300 से 400 रुपये तक किराया वसूला गया। यात्रियों ने प्रशासन से इस पर नियंत्रण लगाने की मांग की है।